अगले सत्र से 2 लाख रुपये होगी फीस

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान भारतीय प्रौद्यौगिकी संस्थान (आईआईटी) के स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों की फीस सालाना 90 हजार रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दी गई है। एक विशेषज्ञ समिति की अनुशंसा पर फीस वृद्धि का निर्णय लिया गया है। समिति ने फीस में तीन गुनी वृद्धि की अनुशंसा की थी। हालांकि एससी/एसटी, ओबीसी और दिव्यांग छात्रों की पूरी फीस माफ करने का फैसला भी सरकार ने लिया है।

मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी ने गुरुवार को यहां संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बढ़ी हुई फीस नए सत्र से लागू होगी। देश में करीब डेढ़ दर्जन आईआईटी संस्थान हैं जिनमें दस हजार छात्र बीटेक कोर्स में हर साल एडमिशन लेते हैं। फीस में यह बढ़ोत्तरी 100 फीसदी से भी ज्यादा है। मोटे तौर पर यह फीस छात्रों पर आने वाली लागत को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। प्रति छात्र ढाई लाख रुपये लागत पढ़ाई का खर्च आईआईटी को बैठता है।

हालांकि आईआईटी की बढ़ी हुई फीस और दुनिया के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) और भारत के अन्य सरकारी इंजीनियरिंग संस्थानों के फीस स्ट्रक्चर की तुलना की जाए तो आईआईटी की पढ़ाई कहीं ज्यादा सस्ती है। इंजीनियरिंग में करियर बनाने वाले छात्रों के लिए आईआईटी में एडमिशन लेना सपने जैसा होता है।

देश में फिलहाल 22 आईआईटी हैं। जहां अब तक सबसे कम फीस आईएसएम धनबाद में 49,842 रुपये है। जबकि सबसे ज्यादा फीस आईआईटी जोधपुर में 68,000 रुपये थी। फीस बढ़ाने का सरकार का नया फैसला लागू होने पर इन संस्थानों की फीस में भी उसी औसत से इजाफा होगा।

 

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