मार्केट में आ गया है ‘देसी फ्रिज’

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अगर बिजली कटौती से आपका फ्रीज किसी अलमारी में तब्दील हो जाता है तो अब आपको यह चिंता करने की जरूरत नहीं है कि इसमें रखे खाने-पीने के सामान का क्या होगा। इस समस्या से आम आदमी को मुक्ति देने के लिये झारखंड के जामताड़ा जिले के कृषि विज्ञान केन्द्र ने 300 रुपए का देसी फ्रीज तैयार किया है। यह फ्रीज बिजली के बगैर खाने-पीने के सामान को ‘ठंडा-ठंडा, कूल-कूल’ रखता है।

इस फ्रीज में एक सप्ताह तक हरी सब्जियां व अन्य खाद्य पदार्थ को ताजा रखा जा सकता है। खास बात यह है कि आप इसे अपने हाथ से तैयार कर सकते हैं। इसमें बिजली का कोई टेंशन लेने की जरुरत नहीं है। जामताड़ा कृषि विज्ञान केन्द्र की वैज्ञानिक डॉ. कुमारी करूणा ने यह देसी फ्रीज तैयार किया है। उनका दावा है कि इलेक्ट्रॉनिक फ्रीज की तरह ही सामान ठंडा रखता है।

मिट्टी व बालू का होता है उपयोग

झारखंड के जामताड़ा जिले में सूर्य की तपिश ने आम लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। आलम यह है कि गर्मी के मौसम में लोग इससे बचने के लिए हर वक्त विकल्प की तलाश में रहते हैं। इन्हीं विकल्पों में से एक है मिट्टी और बालू से बना यह देसी फ्रीज। इस देसी फ्रीज के निर्माण में मिट्टी की दो हांडी तथा बालू का उपयोग होता है। हांडी में रखे सामान को ढंकने के लिए विशेष आकृति का ढक्कन बनाया जाता है, ताकि अंदर हवा प्रवेश कर सके।

फ्रीज के अंदर रखे बालू को बारह घंटे में एक बार भिंगोया जाता है। ताकि, वह देसी फ्रीज के अंदर के भाग को ठंडा रख सके। मिट्टी के फ्रीज का क्रेज यह कि सुविधा संपन्न व्यक्ति भी महंगे फ्रीज के घर में रहते हुए भी इस फ्रीज को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं।

10 डिग्री तक कम रखता है तापमान

वातावरण के तापमान के मुकाबले देसी फ्रीज के अंदर का तापमान दस डिग्री कम रहता है। इसलिए सामान ठंडा तथा सुरक्षित रहता है। कृषि विभाग ने इस देसी फ्रीज के बारे में प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है। ताकि इस गर्मी में लोगों को सुविधा मिल सके।

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