उत्तराखंड: राष्ट्रपति शासन को लेकर सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित

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नैनीताल। उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू करने और केंद्र के लेखानुदान अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में बुधवार को लंबी सुनवाई के बाद बहस को कल (गुरुवार) तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। मामले की सुनवाई कल भी जारी रहेगी।

वहीं उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने को चुनौती देने वाली, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की याचिका पर सुनवाई टालने का केंद्र के आग्रह को खारिज कर दिया।

केंद्र की तरफ से पैरवी करते हुए असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि विनियोग विधेयक को चर्चा के बजाय ध्वनि मत से पारित कर दिया। सरकार ने मत विभाजन की मांग नहीं मानी। जिस कारण केंद्र को लेखानुदान अध्यादेश लाना पड़ा।

उन्होंने पूर्व सीएम हरीश रावत के संशोधित प्रार्थनापत्र पर भी सवाल उठाते हुए जवाब देने के लिए कोर्ट से समय मांगा। लेकिन कोर्ट ने और अधिक वक्त देने की मांग को खारिज कर दिया।

विनियोग विधेयक राज्य के सालाना बजट पर एक समेकित विधान होता है जिसे राज्य विधानसभा ने पारित घोषित कर दिया। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 30 मार्च को उत्तराखंड विधानसभा में होने वाले शक्ति परीक्षण पर रोक लगा दी थी। यह रोक केंद्र सरकार की याचिका के आधार पर लगाई गई थी।

एकल न्यायाधीश के आदेश पर रोक लगाते हुए हाईकोर्ट ने रावत द्वारा दाखिल रिट याचिका पर अंतिम सुनवाई के लिए मामले को आज की तारीख में सूचीबद्ध कर दिया था। रावत ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने को चुनौती दी है।

 

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