आपराधिक रिकॉर्ड के धनी ‘केशव’ के हाथ UP BJP की कमान
इलाहाबाद। बीजेपी सांसद केशव प्रसाद मौर्य को यूपी के मिशन 2017 का कमान दिया गया है। मिशन को पूरा करने के लिए बीजेपी को पिछड़ों तक अपनी पहुंच बनानी पड़ेगी। इसलिए ओबीसी कैटेगरी से आने वाले केशव को बीजेपी ने यूपी का प्रेदश अध्यक्ष बनाया है।
दूसरी ओर केशव वीएचपी से जुड़े हैं जो कि बीजेपी के हिंदुत्व के मुद्दे को ज्यादा मजबूत करती है। केशव 2011 के मोहम्मद गौस हत्याकाण्ड के आरोपी हैं। उनपर हत्या का चार्जशीट भी है। वो लोकसभा चुनाव से पहले जेल की हवा भी खाके आ चुके हैं। केशव पर हत्या से लेकर साप्रदायिक दंगे तक के आरोप हैं।
लोकसभा चुनाव के लिए उन्होंने जो हलफनामा चुनाव आयोग में दाखिल किया था, उसके मुताबिक उनके खिलाफ 10 आपराधिक मामले हैं। इनमें 302 (हत्या), 153 (दंगा भड़काना) और 420 (धोखाधड़ी) जैसे आरोप शामिल हैं।
(लोकसभा चुनाव में केशव द्वारा दाखिल हलफनामा)
केशव प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं, यह वही फूलपुर है, जहां से नेहरू कभी चुनाव लड़ा करते थे।
चाय और अखबार बेचा
केशव प्रसाद का जन्म कौशांबी जिले के सिराथू इलाके के कसया में एक बेहद ही साधारण किसान परिवार में हुआ। खेती करते हुए उन्होंने चाय की दुकान भी चलाई और अखबार भी बेचे। गरीबी और संघर्ष के बीच केशव प्रसाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े और श्रीराम जन्म भूमि और गोरक्षा लिए अनेकों आंदोलन करते हुए जेल भी गए।
विश्व हिंदू परिषद के प्रचारक रहे हैं मौर्य
2002 और 2007 में लगातार दो विधानसभा चुनाव हारने के बाद वह 2012 में कौशाम्बी जिले के सिराथू विधानसभा चुनाव से विधायक चुने गए। 2014 लोकसभा चुनाव की मोदी लहर में क्रिकेटर मोहम्मद कैफ को हराकर फूलपुर से जीत दर्ज की। मौर्य 18 साल तक गंगापार और यमुनापार में विश्व हिंदू परिषद के प्रचारक भी रहे हैं। इन्हें अध्यक्ष बनाने के पीछे राज्य में दलित वोट हासिल करना भी बड़ा कारण माना जा रहा है।यूपी में अगर भारतीय जनता पार्टी कामयाब हुई, तो जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की होगी, लेकिन पराजय हुई तो मौर्य को उसमें हिस्सा बंटाना होगा।