महिला विश्व कप : भारत ने श्रीलंका को 16 रन से हराया

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महिला विश्व कप में भारतीय टीम अबतक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए लगातार चार मैचों में जीत हासिल की है। भारतीय टीम ने चौथे मैच में श्रीलंका को 16 रनों से हराकर अपनी जीत की बरकरार रखा। टीम इंडिया की ओर से दीप्ति शर्मा (78) और कप्तान मिताली राज (53) की दमदार बल्लेबाजी के बाद अपने गेंदबाजों की कसी हुई गेंदबाजी के बल पर बुधवार को डर्बी के काउंटी मैदान पर हुए आईसीसी महिला विश्व कप के मैच में श्रीलंका को 16 रनों से मात दे दी। वह अंकतालिका में आस्ट्रेलिया के बाद दूसरे स्थान पर है। दीप्ति शर्मा को उनकी शानदार बल्लेबाजी और गेंदबाजी में भी बेहतरीन योगदान के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनते हुए भारतीय टीम ने आठ विकेट खोकर 232 रनों का मजबूत स्कोर खड़ा किया और उसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने बेहद कसी हुई गेंदबाजी करते हुए श्रीलंकाई टीम को 216 रनों पर सीमित रखा।

श्रीलंकाई टीम ने संयम के साथ लक्ष्य का पीछा करना शुरू किया, लेकिन इस बीच उनकी रन गति बेहद धीमी रही। संयम के साथ खेलने और क्रीज पर समय बिताने के बावजूद दिलानी मनोदरा सुरंगिका (61) के अलावा श्रीलंका की कोई बल्लेबाज बड़ा स्कोर नहीं बना सकीं।

भारतीय गेंदबाज कसी हुई गेंदबाजी करने के साथ लगातार अंतराल पर विकेट चटकाती रहीं, जिससे श्रीलंका की बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका नहीं मिला। पारी के करीब मध्य तक (23.3 ओवर) तक श्रीलंका के सिर्फ तीन विकेट गिरे थे, लेकिन इस बीच वे स्कोरबोर्ड पर सिर्फ 70 रन ही टांग पाई थीं। इस स्कोर तक श्रीलंका ने निपुनी हंसिका (29), हासिनी परेरा (10) और चमारी अटापट्टू जयांगनी (25) के विकेट गंवाए थे।

चौथे विकेट के लिए शशिकला सिरिवर्देना (37) ने सुरंगिका के साथ 60 रन जोड़े। हालांकि यह जोड़ी भी रन गति तेज नहीं कर सकी और श्रीलंकाई टीम 41वें ओवर तक पांच विकेट गंवाकर 143 रन ही बना सकी थी। श्रीलंका को आखिरी 10 ओवरों में 95 रन चाहिए थे और उसके हाथ में छह विकेट शेष थे। लेकिन टीम इस दौरान तीन विकेट और खोकर 62 रन ही बना सकी।

भारत के लिए अनुभवी गेंदबाज झूलन गोस्वामी और पूनम यादव ने बेहद कसी हुई गेंदबाजी की और दो-दो विकेट हासिल किए। गोस्वामी ने आठ ओवर फेंके और दो मेडेन ओवर सहित 26 रन दिए, जबकि पूनम ने पूरे 10 ओवर गेंदबाजी की और एक मेडेन के साथ 23 रन ही दिए।

इससे पहले भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही और टीम ने 38 रनों पर ही अपने दो विकेट खो दिए थे। दोनों सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना (8) और पूनम राउत (16) खास योगदान नहीं दे सकीं। हालांकि इसके बाद मिताली और दीप्ति ने तीसरे विकेट के लिए 118 रनों की साझेदारी कर टीम को संभाल लिया। मिताली और दीप्ति ने 26 ओवरों में 4.63 की औसत से रन जोड़ते हुए टीम को 150 के आंकड़े तक पहुंचाया।

110 गेंदों में 10 चौके मारने वाली दीप्ति 156 के कुल स्कोर पर आउट हुईं। पूर्व कप्तान झूलन गोस्वामी नौ रनों का ही योगदान दे सकीं और 169 के कुल स्कोर पर पवेलियन लौटीं। गोस्वामी के बाद मिताली भी इसी स्कोर पर आउट हो गईं। उन्होंने अपनी पारी में 78 गेंदों में चार चौके लगाए।

इसके बाद हरमनप्रीत कौर (20) और इस विश्व कप में अपना पहला मैच खेल रहीं वेदा कृष्णामूर्ति (29) ने टीम को पटरी पर लाने की कोशिश की और छठे विकेट के लिए 50 रन जोड़े। दोनों की बदौलत टीम ने 200 का आंकड़ा पार किया।

दोनों खिलाड़ी 219 के कुल स्कोर पर लगातार दो गेंदों पर आउट हुईं। इस बीच दोनों बल्लेबाजों को कई जीवनदान भी मिले।

श्रीलंका के लिए श्रीपली वीराक्कोडी ने सर्वाधिक तीन विकेट हासिल किए, जबकि इनोका रणवीरा को दो विकेट मिले।

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