क्यों जापान की घट रही आबादी, PM के सलहाकार ने जताई चिंता, बोले जापान हो जायेगा गायब

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जापान में आबादी घटने का गंभीर संकट पैदा हो गया है. देश में घट रहे जन्मदर के चलते सरकार की बेचैनी बढ़ गई है. जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने देश में घट रही जनसंख्या के चलते चिंता जताई. प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के सलाहकार मसाको मोरी ने एक बयान में कहा है कि देश का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा अगर समय रहते जन्म दर में गिरावट में कमी नहीं आई तो देश की अर्थव्यवस्था को चकनाचूर होने में देरी नहीं लगेगी.

घटती जनसंख्या के कारण जापान को भारी नुक्सान का सामना करना पड़ेगा, देश की अर्थववस्था बर्बाद हो जाएगी, सामाजिक सुरक्षा प्रणाली ध्वस्त होगी और आत्मरक्षा बलों के लिए पर्याप्त भर्तियां नहीं होंगी. यह एक भयानक बीमारी है जो उन बच्चों को प्रभावित करेगी.’ ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में, जापान में पैदा हुए लोगों की तुलना में लगभग दोगुने लोगों की मृत्यु हुई, जिसमें 800,000 से कम जन्म और लगभग 1.58 मिलियन मौतें हुईं हैं. छोटे से देश मोनाको के बाद जापान में 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों का अनुपात पूरे विश्व में अधिक है. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का अनुपात बढ़कर 29% से अधिक हो गया है.

क्यों जापान में घट रही आबादी…

प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा ने कहा, “हमारे देश की अर्थव्यवस्था और समाज की स्थिरता और समावेशिता की सोच में हम बच्चों के पालन-पोषण के समर्थन को अपनी सबसे अहम पॉलिसी के रूप में रखते हैं.” किशिदा ने आगे कहा कि वह चाहते हैं कि सरकार बच्चों से संबंधित कार्यक्रमों पर अपने खर्च को दोगुना करे और इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अप्रैल में एक नई सरकारी एजेंसी स्थापित की जाएगी.

जापान में सबसे कम जन्मदर…

जापान में दुनिया में सबसे कम जन्म दर है. जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अनुमान के मुताबिक 1899 में जन्म दर को लेकर रिकॉर्ड रखने की परंपरा शुरू होने के बाद पहली बार 2022 में 8 लाख से कम जन्म दर्ज किया गया. देश में दुनिया में सबसे ज्यादा जीवन प्रत्याशा भी है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार साल 2020 में जापान में 1,500 में से लगभग एक व्यक्ति की उम्र 100 या उससे अधिक थी.

जापान में बढाती बुजुर्गो की जनसंख्या…

देश में बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है. वहीं काम करने वाले लोगों की कमी दिख रही है. ऐसे में स्थिर अर्थव्यवस्था और सिकुड़ते कार्यबल में अंतराल को भरने के लिए पर्याप्त संख्या में युवाओं की कमी महसूस की जा रही है. घटती आबादी को लेकर सरकार की चिंता बढ़ी है और जन्मदर बढ़ाने को लेकर सरकार तेजी से काम करना चाहती है.

जापान में जन्मदर में गिरावट की वजह?

जापान में कम जन्म दर के पीछे एक्सपर्ट कई कारकों की ओर संकेत करते हैं. देश में रहने की उच्च लागत, सीमित स्थान और शहरों में बच्चों की देखभाल को लेकर सहायता की कमी की वजह इन कारकों में शामिल है. बच्चों की देखभाल के लिए सहायता की कमी से उन्हें पालना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में लोग परिवार की जनसंख्या बढ़ाने में विश्वास नहीं करते. बताया जाता है कि हाल के वर्षों में विवाह और परिवार शुरू करने के प्रति दृष्टिकोण में भी बदलाव आया है.

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