कौन होगा यूपी का नया DGP? किसकी दावेदारी पक्की, यहां जानें

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लखनऊ: देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश में फिर एक बार उत्तर प्रदेश का अगला मुखिया कौन होगा इसको लेकर काफी चर्चाएं तेज हो गई है. दरअसल राज्य के कार्यवाहक डीजीपी डॉ आरके विश्वकर्मा का रिटायरमेंट इसी 31 मई को हैं, बताय जा रह है कि उन्हे सेवा विस्तार भी नहीं मिल रहा है. अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि, क्या इस बार सरकार पूर्णकालिक मुखिया की तैनाती करेगी? या ये तीसरे कार्यवाहक पुलिस मुखिया बनेंगे.

आरके विश्वकर्मा को रिप्लेस करेंगे डीजी विजय कुमार…

ऐसे में अब एक बार फिर प्रदेश की पुलिसफोर्स का दायित्व कार्यवाहक डीजीपी को सौपे जाने का आसार बढ़ गए है. चर्चा है कि 31 मई को डॉ.आरके विश्वकर्मा का रिटायर होने के पहले ही सीबीसीआईडी के डीजी विजय कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बनाया जा सकता है. बीते एक साल में वह ऐसे तीसरे पुलिस अफसर होंगे जो कि यूपी के कार्यवाहक डीजीपी बन सकते हैं.

डीजीपी की कुर्सी पर अफसरों ने साध रखी चुप्पी…

फिलहाल इस मामलो के लेकर अभी गृह विभाग के अफसरों ने चुप्पी धारण कर राखी है. जबकि की प्रदेश का अगला डीजीपी कौन होगा? इसको लेकर बीतें एक साल में कई अटकलें लगाई जा चुकीं हैं. जिसकी शुरुआत 12 मई 2022 को डीजीपी की कुर्सी से अचानक ही मुकुल गोयल को हटाए जाने से हुई थी.

कार्य में लापरवाही के चलते हटाया था…

मुकुल गोयल जिनका रिटायर होने की अवधि फरवरी 2024 थी, लेकिन योगी सरकार ने उन्हें शासकीय कार्यों की अवहेलना करने, विभाग से जुड़े कार्यों में रुचि ना दिखने और अकर्मण्यता के चलते हटाया था. और तब डीजी इंटेलिजेंस डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था. डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान बीटी 31 मार्च को रिटायर हुए तो सरकार ने डॉ.आरके विश्वकर्मा कार्यवाहक डीजीपी बना दिया.

ऐसी चर्चाओं के बाद अब प्रदेश में अगले पुलिस मुखिया कौन हो सकते है? इसको लेकर आईपीएस अफसर अटकलें लगा रहें हैं.जिसमे सरकार के सबसे सीनियर चेहरे आईपीएस मुकुल गोयल और आनंद कुमार है जिन्हे डीजीपी की कुर्सी पर नहीं बिठाएगी. मुकुल गोयल को तो सरकार ने डीजीपी के पद से हटाया ही था और डीजी कॉपरेटिव सेल आनंद कुमार से सरकार खफा है. जिसके चलते ही उन्हे हाल ही में डीजी कारागार के पद से हटाया गया था.

कौन हैं विजय कुमार?

अब इन दो अधिकारीयों के चेहरों के बाद सीनियर अफसरों में विजय का नंबर है. 1988 बैच के अधिकारी विजय कुमार जिनका रिटायरमेंट अगले साल जनवरी में है. वर्तमान में वह सीबीसीआईडी के डीजी हैं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उन्हे पसंद करते हैं. चर्चा है कि उन्हे ही कार्यवाहक डीजीपी बनाया जाएगा. कुछ अधिकारी विशेष डीजी प्रशांत कुमार को भी कार्यवाहक डीजीपी का दायित्व पाने वाले अफसरों की रेस में शामिल बता रहे हैं.

परंतु डीजीपी की कुर्सी पर तैनात रह चुके सुलखान सिंह का कहना है कि प्रशांत कुमार से सीनियर कई अधिकारी विभिन्न पदों पर तैनात हैं. ऐसे में उन्हे कार्यवाहक डीजीपी की ज़िम्मेदारी देना उचित नहीं होगा. वैसे भी प्रशांत कुमार प्रदेश की कानून व्यवस्था को बेहतर करने में जुटे हैं. मुख्यमंत्री का भी विश्वास उनपर है और अगर उन्हे कई अधिकारियों को सुपरसीड कर कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया तो एडीजी कानून व्यवस्था के पद पर किसी अन्य अधिकारी की तैनाती करनी होगी.

एक्सपर्ट बोले- एक साल से नहीं मिला है स्थायी डीजीपी…

इसलिए बेहतर तो यही होगा कि सरकार स्थायी डीजीपी तैनात करने पर ध्यान दे और जब तक यह नहीं हो पा रहा है, तब तक के लिए किसी सीनियर अधिकारी को ही कार्यवाहक डीजीपी बनाया जाए. सुलखान सिंह यह भी कहते हैं कि यूपी में एक साल से स्थायी डीजीपी का ना होना ठीक नहीं है, क्योंकि पुलिसफोर्स ने स्थायी डीजीपी ना होने के कारण अनुशासनहीनता बढ़ रही है. हर जिले में दारोगा मनमानी कर रहे हैं और पुलिस कप्तान नेताओं को खुश करने में लगे हैं. इसलिए पुलिस फोर्स के लिए स्थायी डीजीपी जरूरी है, और यह कार्य अब लंबे समय तक टाला नहीं जाना चाहिए.

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