कौन है बनारस की गूगल गर्ल, कंप्यूटर से भी तेज चलता है दिमाग

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यूं तो छह साल की उम्र कोई मायने नहीं रखती लेकिन बनारस की एक बच्ची ने इस उम्र में वो सब कुछ कर दिखाया है, जो बड़े-बड़े धुरंधर ताउम्र नहीं कर पाते। कंप्यूटर से भी तेज दिमाग, शिव श्लोक, गीता और रामायण की कंठस्थ।

यही नहीं हिंदी, इंग्लिश और संस्कृत भाषा पर पकड़ ऐसी की हर कोई हैरान रह जाए। कुछ ऐसी ही है बनारस की आर्या प्रकाश श्रीवास्तव। गूगल गर्ल के नाम से मशहूर आर्या बनारस में इन दिनों छाई हुई है।

कंप्यूटर से भी तेज चलता है आर्या का दिमाग

आर्या की उम्र महज 6 साल है, लेकिन उनके गुण देखकर कोई चौंक सकता है। सुपर गर्ल के नाम से विख्यात आर्य प्रकाश अपनी विद्वता से देश में अपना लोहा मनवा रही हैं। कंप्यूटर से तेज दिमाग होने के कारण उन्हें काशी की गूगल गर्ल के नाम से भी जाना जाता है।

आर्या को वाराणसी के 84 घाटों के नाम रटे हुए हैं। हिंदुस्तान के सभी राज्य और राजधानी, विश्व में देश और उनकी राजधानी वो इमला की तरह बोल देती हैं। स्वामी विवेकानंद, रानी लक्ष्मीबाई, चित्रगुप्त सहित अनेक महान विभूतियों के बारे में भी उनको अच्छा ज्ञान है।

वाराणसी के मड़ौली निवासी 6 वर्षीय आर्या प्रकाश श्रीवास्तव प्रथम कक्षा में पढ़ती हैं। आर्या की याद करने की क्षमता को देखकर पूरे शहर के लोग दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर हो जाते हैं।

बचपन से ही होनहार है आर्या

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आर्या की मां लक्ष्मी ने बताया कि उन्होंने ढाई साल की उम्र से ही आर्या को पढ़ाना शुरू कर दिया था। उन्होंने बताया कि वह अपनी बड़ी बेटी को यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी कराने के लिए G.K पढ़ाती थीं, उसी समय आर्या भी उन सब चीजों को ऑब्जर्व करने लगी।

ऐसे ही धीरे-धीरे उसे सारी जानकारी हो गई। आर्या को काशी के इतिहास और संस्कृति के बारे में उनकी मां ने ही बताया। नतीजा यह है कि अब काशी के लोग उन्हें ‘गूगल गर्ल’ के नाम से बुलाते हैं।

अच्छी डांसर और बेहतर सिंगर भी है आर्या

पढ़ाई के साथ-साथ आर्या अच्छी सिंगर और डांसर भी हैं। आर्य अपनी विद्वता का लोहा पूरे देश में मना रही हैं। वो ढोलक भी अच्छी बजाती हैं। आर्या बड़ी होकर आईएएस बनना चाहती हैं और देश की सेवा करना चाहती है।

आर्या पढ़ाई के साथ-साथ खेल में भी रुचि रखती हैं। वह दिन भर में 7 घंटे पढ़ाई करती हैं तो 6 घंटे खेलती भी हैं। आर्या को एक्स्ट्रा एक्टिविटी में स्विमिंग, कराटे, कैसियो, कत्थक आदि आता है। इन सारी चीजों से आर्या के ब्रेन को एक्टिवेट रखा जाता है।

लक्ष्मी श्रीवास्तव बताती हैं कि कभी भी आर्य बुक से पढ़ाई नहीं करती है। वो खेलकूद के माध्यम से ही पढ़ाई करती है। एक दूसरे से सवाल करते-करते सीखने का काम करती है। आर्या की मां लक्ष्मी श्रीवास्तव बताती हैं कि वे आर्या को हमेशा से एक्स्ट्रा एक्टिविटी में डालना चाहते थे।

आर्य पैदा हुई तो उनकी बड़ी सिस्टर अदिति 12 साल की थी। आर्या की बड़ी सिस्टर को पढ़ाते- पढ़ाते इसकी सुनने और समझने की समझ बढ़ने लगी। बड़ी बहन अदिति को कई बार समझाने पर वह भूल जाती थी, पर आर्या को सारी बातें याद रहती थीं।

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