कौन हैं काबुल एयरपोर्ट पर हमला करने वाले ‘इस्लामिक स्टेट ख़ुरासान’? जानिये क्या है इनका तालिबान से रिश्ता

गुरुवार को काबुल हवाई अड्डे के बाहर हुए दिल दहला देने वाले आत्मघाती हमलों पर जिस आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी ली उसका नाम इस्लामिक स्टेट खुरासान (Islamic State Khorasan) है।

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गुरुवार को काबुल हवाई अड्डे के बाहर हुए दिल दहला देने वाले आत्मघाती हमलों पर जिस आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी ली उसका नाम इस्लामिक स्टेट खुरासान (Islamic State Khorasan) है। करीब 20 सालों तक अफगानिस्तान में अमेरिका के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई चलती रही। इसके बावजूद इस्लामिक स्टेट-खुरासान अपना अस्तित्व बचाने में सफल रहा। साथ ही काबुल हवाई अड्डे पर हमला करके ये भी बता दिया कि मानवता के लिए ये संगठन कितना खतरनाक है।

‘खुरासान’ क्या है?

‘ख़ुरासान’ का मतलब है ‘वह जगह जहां से सूरज आता हो’ यानि ‘पूर्वी ज़मीन’। ईरान में खुरासान नाम का एक प्रांत है। जो ऐतिहासिक ख़ुरासान इलाक़े का केवल एक भाग है। इसके पूर्व में अफ़ग़ानिस्तान, पश्चिम में अस्त्राबाद, शाहरुद, सेमनान, दमधान और यज्द के ईरानी प्रांत और दक्षिण में केरमान है। यह अफगानिस्तान, ईरान और मध्य एशिया के ज्यादातर हिस्से को कवर करता है। यह प्राचीन समय में मध्य एशिया का ऐतिहासिक क्षेत्र था। खुरासान को फारसी में ख़ुरासान-ए-कहन भी कहा जाता है।

आईएसआईएस-के:

आईएसआईएस-के आतंकवादी संगठन की शुरुआत पाकिस्तानी तालिबान लड़ाकों के साथ हुई थी। सैन्य अभियानों के वजह से पाकिस्तान से निकाले जाने के बाद इस संगठन के लड़कों ने अफगानिस्तान सीमा पर शरण ले ली। चरमपंथी विचारधारा वाले लोगों ने इस संगठन की ताकत को बढ़ाई। धीरे धीरे इस संगठन में वो असंतुष्ट लड़ाके भी शामिल हो गए जो तालिबान से पश्चिम के खिलाफ उदार और शांतिपूर्ण रवैये से नाखुश थे। इस तरीके से आईएसआईएस-के के लड़ाकों की संख्या बढ़ती गई। ये संगठन अफ़ग़ान और पाकिस्तानी दोनों ही जिहादियों की भर्ती करता है।

काबुल को बनाया अपना हेडक्वॉटर:

बगदादी की मौत के बाद ऐसा माना जा रहा था कि ISIS का खात्मा हो जाएगा। लेकिन सीरिया में ISIS का सिर्फ दबदबा कम हुआ। इस दौरान ISIS की स्लीपर सेल लगातार एक्टिव रहते हुए आतंकी संगठन को खाड़ी से सीधे अफगानिस्तान शिफ्ट कर दिया और तालिबान के सत्ता में आते ही काबुल को अपना हेडक्वॉटर बना लिया।

कितना खतरनाक:

अफ़ग़ानिस्तान के सभी जिहादी चरमपंथी संगठनों में से इस संगठन को सबसे ज़्यादा ख़तरनाक और हिंसक माना जाता है। इसके टारगेट पर लड़कियों के स्कूल, अस्पताल रहते हैं। यहां तक कि अस्पताल का एक मैटरनिटी वॉर्ड पर हमले में इस संगठन के लड़ाकों ने गर्भवती महिलाओं और नर्सों को गोली मार दी थी। तालिबान से इतर इस संगठन का मक़सद पश्चिमी, अंतरराष्ट्रीय और मानवतावादी ठिकानों को निशाना बनाना है, चाहे वे कहीं भी हों।

तालिबान से क्या रिश्ता है?:

तालिबान और ISIS, ये दोनों जमातें ऐसी हैं, जिन्होंने दुनिया में मानवता के खिलाफ आतंक मचा रखा है और दहशत का दूसरा नाम बने बैठे हैं। आईएसआईएस ने 19 अगस्त को आधिकारिक बयान जारी कर कहा था कि तालिबान अमेरिका का पिट्ठू है जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि ISIS और तालिबान एक-दूसरे को पसंद नहीं करते।

 

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