सोना तस्करों को भा रहा बनारस का बाबतपुर एयरपोर्ट
वाराणसी से देवेंद्र सिंह
बनारस का बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट सोना तस्करी का बड़ा अड्डा बनता जा रहा है। पिछले कुछ सालों की बात करें तो दर्जनों मामले यहां तस्करी के पकड़े गए हैं। दुनिया के कई देशों से इसकी कनेक्टिविटी और देश के कोने-कोने से लोगों का आगमन तस्करों को मुनासिब मौका मुहैया करा रहा है।
इसे रोकने के लिए एयरपोर्ट को एडवांस टेक्नोलाजी से लैस किया जा रहा है लेकिन स्मगलर्स उसे धोखा देने का तरीका निकाल ही ला रहे हैं। हाल ही में एक महिला के पास तस्करी कर लाया गया सोना बरामद होने के बाद एयरपोर्ट पर तैनात कस्टम और सिक्योरिटी एजेंसियां सोना तस्करी रोकने के और बेहतर तरीकों को तलाशने में जुट गयी हैं।
आसान है बनारस एयरपोर्ट से तस्करी-
अपराध की दुनिया से जुड़े गैंग्स गोल्ड और ड्रग्स स्मगलिंग के जरिए खूब काली कमाई करते हैं। भारत में भी तमाम देशों से सोना और ड्रग्स तस्करी कर लाया जाता है। मुम्बई, बंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, दिल्ली जैसे इंटरनेशनल एय़रपोर्ट से गोल्ड और ड्रग्स इंडिया में दाखिल होता है।
इंटरनेशनल कनेक्शन होने की वजह से बनारस जैसे छोटे शहर के एयरपोर्ट को भी स्मगलर्स ने तस्करी का बड़ा अड्डा बना दिया है। जैसे-जैसे यहां इंटरनेशनल फ्लाइट्स बढ़ रही है वैसे-वैसे तस्करी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। सिक्योरिटी एजेंसियों को इस पर लगाम लगाना मुश्किल होता जा रहा है।
शारजाह से आ रहा सोना-
बाबतपुर एयरपोर्ट पर पिछले कुछ सालों में जितने गोल्ड स्मगलर्स पकड़े गए वो सभी शारजाह से सोना ला रहे थे। बनारस से वहां की सीधी उड़ान होने की वजह से उनके लिए ये काम आसान था। पैसेंजर्स के लिहाज से बाबतपुर एयरपोर्ट काफी महत्वपूर्ण है लेकिन यहां दिल्ली, मुम्बई जैसे बड़े शहरों के एयरपोर्ट जैसी सिक्योरिटी चेकिंग नहीं होती है।
कुछ महीने पहले ही यहां फुल बाडी स्कैनिंग मशीन लगायी गयी है। उससे भी सभी पैसेंजर्स को गुजरना अनिवार्य नहीं है। जो सिम्पल सिक्योरिटी चेकिंग में लगने वाले टाइम से बचना चाहता है वो अपनी मर्जी से बाडी स्कैनिंग मशीन से गुजर सकता है। वहीं किसी पैसेंजर पर शक होने पर सिक्योरिटी परसन उसकी स्कैनिंग करते हैं।
अपना रहे नायाब तरीके
गोल्ड स्मगलिंग में लिप्त गैंग तस्करी के नायाब तरीके अपना रहे हैं। बाबतपुर एयरपोर्ट पर जो तस्कर पकड़े गए उन्होंने बेहद एडवांस तरीका अपनाया था। कुछ ने एक्सरे मशीन की नजर से बचने के लिए सोने को कार्बन पेपर में लपेट दिया था। कुछ उसे मेटल के सामान में जैसे ग्राइंडर, आयरन आदि में छुपाकर ले आए थे।
बैग के फ्लोर पर एक पूरी परत सोने की लगाकर लाने वाले भी पकड़े गए। सबसे अलग तरीका तो पेट में सोना छुपाकर लाने का रहा है। कुछ तस्कर एसे भी पकड़े गए जो अपने पेट में सोना छुपाकर ला रहे थे। इसके चलते तस्करों को पकड़ना काफी मुश्किल होता जा रहा है।
बड़ा है तस्करों का नेटवर्क
बाबतपुर एयरपोर्ट के जरिए सोने की तस्करी करने वालों का नेटवर्क बहुत बड़ा है। उनका कनेक्शन देश के शहरों में मौजूद लोगों के साथ ही दुनिया के कई देशों में मौजूद तस्करों से है। बाबतपुर एयरपोर्ट पर पकड़े गए तस्कर सिर्फ बनारस या पूर्वांचल के शहरों के ही नहीं थे बल्कि पंजाब, दिल्ली, बिहार के रहने वाले भी थे।
कभी रुपयों तो कभी नौकरी और कभी घूमने-फिरने का लालच देकर तस्कर एसे लोगों को सोना तस्करी के लिए इस्तेमाल करते हैं जिनका कोई क्रिमिनल रिकार्ड नहीं होता है। यहां तक की कई महिलाएं भी तस्करी करती पकड़ी गयी हैं। दूसरे देशों से चोरी-छुपे सोना लाने वालों को एक किलो गोल्ड के बदले 40 से 50 हजार रुपये तक मिल जाते हैं।
स्मगलर्स उनके आने-जाने और रहने-खाने का इंतजाम भी करते हैं। इसके साथ ही एयरपोर्ट पर तैनात कर्मचारियों को भी अपने गैंग में शामिल करने की फिराक में होते ताकि तस्करी में आसानी हो सके। भारत में नियम है कि 20 लाख रुपये की कम कीमत का सोना लाने पर सिर्फ सोना जब्त किया जाता है उसे लाने वाले को छोड़ दिया जाता है। तस्कर इसका फायदा भी उठाते हैं।
कई देशों से सीधी उड़ान
बनारस से कई देशों से सीधी हवाई सेवा का फायदा तस्कर उठा रहे हैं। बाबतपुर एयरपोर्ट से शारजाह, नेपाल, थाईलैण्ड, श्रीलंका की डायरेक्ट फ्लाइट्स हैं। पैसेंजर्स की संख्या कम या ज्यादा होने पर इनकी कई बार बंद और चालू होती है। हज के दौरान जेद्दा की उड़ान अतिरिक्त होती है।
यहां से पूरे पूर्वांचल के हज यात्री आते और जाते हैं। वहीं भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ को नमन करने, थाईलैण्ड, चीन, जापान, श्रीलंका, कोरिया समेत दुनिया के कई देशों से श्रद्धालु आते हैं। घूमने-फिरने के शौकीन थाईलैण्ड और शारजाह की सीधी हवाई सेवा का लाभ उठाते हैं।
सोने के भाव में है बड़ा अंतर
सऊदी से सोना तस्करी की बड़ी वजह वहां और भारत में सोने के रेट में काफी अंतर है। बनारस में इन दिनों सोने का भाव दस ग्राम का लगभग 49000 रुपये है। वहीं दुबई में इसकी कीमत लगभग 43000 है। इस तरह एक किलो सोने में लगभग 6 लाख रुपये का अंतर है।
गोल्ड मार्केट में पेपर पर लिखा पढ़ी में कम ही काम होता है। तस्करों के जरिए गोरखधंधा करने वाले व्यापारियों को सस्ते में सोना मिल जाता है और वो भारत के बाजार भाव में उसे बेचते हैं। सिक्टोरिटी एजेंसीज की मानें तो भारत में हर साल जितने सोने की डिमांड होती है उसका 30 प्रतिशत सोना तस्करी के जरिए आता है।
बाबतपुर एयरपोर्ट पर पकड़े गए तस्करी के मामले-
-20 फरवरी 2020 को शारजाह से आ रहे दिल्ली के युवक को पकड़ा गया। उसने पेट में सिलेंडरनुमा पात्र में 648 ग्राम सोना छुपा रखा था। इसकी कीमत 26 लाख रुपये थे।
-3 मार्च 2020 को देवबंद सहारनपुर का रहने वाला युवक 700 ग्राम सोने के साथ पकड़ा गया था। जिसकी कीमत 29 लाख आंकी गयी थी। शारजाह से सोने से काली पन्नी में रैप करके ला रहा था।
-30 दिसम्बर 2020 को दुबई से तस्करी कर लाया जा रहा 76 लाख रुपये कीमत का सोना बाबतपुर एयरपोर्ट पर पकड़ा गया। बिहार के रहने वाले तस्कर ने उसे अपने ट्राली बैग में एक परत बनाकर छुपा रखा था जो एक्सरे में सामने आ गया।
-29 जनवरी 2021 को बिहार के दो युवकों को पकड़ा गया। दोनों शारजाह से आ रहे थे। इन्होंने डीप फ्रायर और ग्राइंडर मशीन में डेढ़ किलो सोना छुपा रखा था। इसकी कीमत 70 लाख रुपये थी।
-21 फरवरी 2021 को एक महिला को 355.56 ग्राम सोने के साथ पकड़ा गया। वह मुम्बई की रहने वाली थी और शारजाह से जेंट्स परफ्यूम और फ्लास्क में छुपाकर सोना ला रही थी। पकड़े गए सोने की कीमत 16 लाख रुपये थी।
-27 अगस्त 2013 में सबसे बड़ी सोने की खेप बाबतपुर एयरपोर्ट पर पकड़ी गयी थी। अमृतसर के रहने वाले पांच लोगों को 5.5 किलो सोने के साथ पकड़ा गया था। सभी सोने के अपने पेट में छुपाकर ला रहे थे।
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