वाराणसी: 19 फरवरी से 22 फरवरी तक किसान महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा. मंगलवार को पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह पटेल की अध्यक्षता में उनके राजातालाब स्थित आवास पर हुई बैठक में सर्वसम्मत से यह निर्णय लिया गया है. छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती से संगठित किसान आंदोलन के जनक स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती 22 फरवरी तक मराठा सेवा संघ एवं स्वामी सहजानंद किसान सभा के तत्वावधान में किसान महाकुंभ का आयोजन मोहनसराय गंगापुर मोड़ पर होगा.
यहीं पर लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी और अखिलेश यादव की रैली हुई थी. इसी ऐतिहासिक स्थान पर किसान महाकुंभ को ऐतिहासिक सफल बनाने के लिए विन्दुवार वार्ता कर आयोजन समिति, संचालन समिति, प्रचार प्रसार समिति , मार्गदर्शक मण्डल एवं संरक्षक मण्डल का गठन हुआ.
किसान हित सर्वोपरि – सुरेंद्र पटेल
बैठक की अध्यक्षता करते हुये पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह पटेल ने कहा कि किसान हित में सृजनात्मक कार्य का दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सर्वदलों सहित सरकार को सहयोग करना चाहिए. वाराणसी में आयोजित उक्त किसान महाकुंभ पूर्वांचल के किसानो के लिये अत्यंत उपयोगी एवं कारगर होगा. आयोजन समिति के अध्यक्ष अविनाश काकड़े ने कहा कि किसान महाकुंभ के आयोजन का मुख्य उद्देश्य महाकुंभ के असली अर्थ को बतलाना है. किसान नेताओ के गौरवशाली इतिहास एवं विचार सहित देश के प्रगतिशील किसानो के हुनर एवं व्यवसायिक कार्यशैली से पूर्वांचल के किसानो को रूबरू कराया जाएगा.
परंपरागत खेती की मानसिकता से किसान महाकुंभ के माध्यम से समय के अनुसार पूर्वांचल के किसानो के किसानी की पुरानी सोच में बदलाव लाने हेतु विविध सृजनात्मक कार्यक्रम होंगे. जिसमें देश के किसान अपने अपने उत्तम हुनर को एकदुसरे को बताएंगे. कृषि प्रधान देश के रीढ़ किसानी के सर्वांगीण विकास के साथ साथ प्राकृतिक चिकित्सा एवं आर्गेनिक खेती के प्रति किसान को जागरूक करने हेतु वाराणसी का किसान महाकुंभ ऐतिहासिक एवं निर्णायक भूमिका तय करेगा.
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किसानों के मान सम्मान का मार्ग होगा प्रशस्त
बैठक का संचालन करते हुये किसान महाकुंभ के संयोजक किसान नेता विनय शंकर राय “मुन्ना” ने कहा कि कृषि कार्य पूर्णतया ऋषि कार्य है. धरती का पालनहार अगहन के ठण्ड, जेठ की तपती धूप एवं भादो की बरसात में अपना प्राण हथेली पर लेकर कठिन तपस्या करता है तब मंदिर में भगवान को भोग लगता है, मठ एवं मंदिरों में बैठे महन्त , संन्यासियों सहित नेताओ, उद्योगपतियो , इन्सानो के साथ साथ पशु पक्षीयो को भोजन मिलता है, जिससे सृष्टि चलती है, इसलिए कृषि कार्य से पुनीत कार्य धरती पर और कोई नही है.
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उस अन्नदाता के उत्थान हेतु काशी का उक्त आयोजित किसान महाकुंभ देश और दुनिया के किसानो के मान – सम्मान का मार्ग प्रशस्त करेगा. सरकार के साथ साथ सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्यकर्ताओ का भी कर्तव्य है कि अन्नदाता के उत्थान एवं सम्मान हेतु सृजनात्मक पहल करे.बैठक में प्रमुख रूप से विजय नरायण वर्मा, अमलेश पटेल, उदय प्रताप पटेल, गगन प्रकाश