वैशाख पूर्णिमा आज, जानें दान स्नान का शुभ मुहूर्त…

Vaishakh Purnima 2025 : हिन्दू धर्म में वैशाख पूर्णिमा का विशेष महत्त्व है. क्यों कि वैसाख महीने की पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था जिसके लिए इस दिन बुद्ध पूर्णिमा मनाया जाता है है इस दिन को सत्य विनायक पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है.पूर्णिमा का दिन भगवान विष्‍णु और मां लक्ष्‍मी की पूजा करने, उनसे सुख-समृद्धि, सौभाग्‍य का वरदान पाने के लिए अहम होता है.

हिंदू धर्म में वैशाख पूर्णिमा का महत्व

हिंदू धर्म मानने वाले वैशाख पूर्णिमा के दिन नदियों में स्नान, व्रत, दान और पितरों के नाम तर्पण करते हैं. पूर्णिमा तिथि आज सोमवार को शाम 7 बजकर 22 मिनट तक रहेगी जिसका प्रारंभ रविवार शाम 6 बजकर 55 मिनट से हुआ था. वैशाखी पूर्णिमा के पूजा का मुहूर्त सोमवार दोपहर 11 बजकर 51 मिनट से लेकर 12 बजकर 45 मिनट तक बताया गया है.

पूजा, दान और अर्घ्य का महत्व…

वैशाख पूर्णिमा को रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने की भी परंपरा है. इसके लिए चंद्रोदय के समय एक लोटे में जल, दूध और अक्षत डाल लें और आसमान में उदित चंद्रमा की तरफ अर्घ्य दें. इस बार वैशाख पूर्णिमा पर रवि योग बन रहा है. वहीं, पूरे दिन बुधादित्य योग और वरियन योग का भी प्रभाव रहेगा. वैशाख पूर्णिमा पर आज कुछ राज्यों में बैंक और स्कूल बंद हैं, लेकिन शेयर बाजार खुला है.

वैशाख पूर्णिमा के उपाय…

1 . वैशाख पूर्णिमा के दिन स्‍नान-दान, पूजा के अलावा सत्‍यनारायण की कथा करने का बहुत महत्‍व है. यदि संभव हो तो सत्‍यनारायण की कथा करने, पढ़ने का प्रयास जरूर करें.

2 . वैशाख पूर्णिमा के दिन पीपल पेड़ की पूजा करना भी बहुत लाभ देता है. इससे त्रिदेव, मां लक्ष्‍मी और पितरों का आशीर्वाद मिलता है. जिससे घर में सुख समृद्धि आती है.

3. वैशाख पूर्णिमा का स्‍नान, पूजा, तप सब कुछ बिना दान के अधूरा है. लिहाजा जितनी भी सामर्थ्‍य हो, दान जरूर करें. गरीब-जरूरतमंदों को अन्न, जल, फल, वस्त्र, ठंडे पेय, रसीले फल, चावल, दूध आदि का दान करें. इसके अलावा वैशाख महीने से तेज गर्मी पड़ने लगती है इसलिए इस महीने में प्‍याऊ लगवाने, गरीबों को गर्मी से बचने के लिए जूते, छाते का दान करना भी बहुत पुण्‍य देता है.

4. मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के लिए पूर्णिमा की रात कच्चे दूध में चीनी मिलाकर अर्घ्य दें. ऐसा करने से कई दोषों से मुक्ति मिलती है. रुकावटें दूर होती हैं. मानसिक शांति और धन मिलता है.

5.वैशाख पूर्णिमा के दिन तुलसी जी को दिन में गंगा जल चढ़ाएं और फिर शाम को घी का दीपक लगाएं. इसके अलावा पीतल के लोटे में गंगाजल लें, उसमें तुलसी की कुछ पत्तियां डालें फिर इस जल को प्रवेश द्वार पर छिड़क दें. चाहें तो पूरे घर में पवित्र स्‍थानों पर यह जल छिड़कें इससे नकारात्‍मकता दूर होती है. घर में धन-समृद्धि बढ़ती है.