Earthquake In Uttarakhand: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में शुक्रवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. यह भूकंप आज सुबह आया जिससे वहां रहने वाले हर लोग दहशत में आ गए. भूकंप की तीव्रता 3.5 मैग्नीट्यूड बताई जा रही है. इतनी तेज गति से आए इस भूकंप ने अपनी तीव्रता से उत्तराखंड की धरती को हिला कर रख दिया. ऐसे में काम कर रहे लोग फौरन अपने-अपने घरों से बाहर निकल पड़े.
स्थानीय प्रशासन ने की लोगों को सुरक्षित जगहों पर रहने की अपील
आपको बता दें कि उत्तरकाशी में दूसरी बार आए इस भूकंप के तेज झटके ने डर का माहौल बना दिया है. ऐसे में आम जनता के साथ-साथ प्रशासन भी सहमा हुआ है. इसी बीच वरुणावत पर्वत के भूस्खलन जोन से पत्थर गिरने की बात सामने आ रही है जिसने भूकंप के साथ-साथ अन्य प्रकाऱ की भी चिंता बढ़ा दी है. मौजूदा परिस्थिति को देख स्थानीय प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए लोगों को सुरक्षित जगहों पर रहने की अपील की है.
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वरुणावत पर्वत ने उत्तरकाशी में पहले भी मचाई थी तबाही
चिंता का कारण यह है कि उत्तराकाशी भूंकप ने वरुणावत भूस्खलन की यादों को फिर से ताजा कर दिया है. यह वो वरुणावत पर्वत पर भूस्खलन का सिलसिला है जो इससे पहले भी कई बार हो चुका है. इसमें भारी नुकसान के साथ-साथ लोगों की जानें तक जा चुकी है, जिससे प्रशासन डरा हुआ है. आपको बता दें कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में वरुणावत पर्वत स्थित है. ये पर्वत असी और वरुणा नदियों के बीच है, जिसे वरुणापर्वत कहा जाता है. इस पर्वत को पौराणिक मंदिरों के लिए भी जाना जाता है. वरुणावत पर्वत का भूस्खलन साल 2003 में हुआ था जिसने विकराल रूप लेते हुए उत्तरकाशी में खूब तबाही मचाई थी. ये एक दो दिन का सिलसिला नहीं था बल्कि 15 दिनों तक इसने उत्तरकाशीवासियों को अपने प्रभाव से खूब सताया था. इसके चलते कई होटल और संस्थानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था.
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जानिए तीन देशों में एक साथ कब आया था भूकंप
गौरतलब है कि हाल ही में दुनिया के तीन देशों में एक साथ भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. ये झटके बीते 6 जनवरी 2025 को आए थे. यह भूकंप भारत के सिक्किम की सीमा के पास चीन के कंट्रोल वाले तिब्बत क्षेत्र में अपना प्रभाव दिखाया था, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.1 पाई गई थी. इस भूकंप के झटके का असर भारत के नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के कई हिस्सों में देखने को मिला था.