देहरादूनः उत्तराखंड कैबिनेट ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की नियमावली को मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में यूसीसी की नियमावली को मंजूरी दे दी गई. अब मुख्यमंत्री को इसे लागू करने की तिथि तय करने का अधिकार दिया गया है. संभावना है कि यह ऐतिहासिक संहिता 26 जनवरी से लागू की जा सकती है.
देश में स्वतंत्रता के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बनने जा रहा है. हालांकि, राज्य में निवास करने वाली पांच प्रमुख जनजातियों – भोटिया, जौनसारी, बुक्शा, थारू और राजी को यूसीसी के दायरे से बाहर रखा गया है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा,“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और प्रेरणा से 2022 के विधानसभा चुनाव में जनता से किए गए वादे को पूरा किया जा रहा है. समान नागरिक संहिता की गंगा उत्तराखंड से निकलकर अब पूरे देश में जाएगी. सभी पहलुओं का अध्ययन करते हुए जल्द ही इसे लागू करने की तारीख तय की जाएगी।”
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यूसीसी के प्रमुख प्रावधान:
- असमानताओं को समाप्त कर सभी धर्म, समाज और वर्ग के लिए समान नियम लागू होंगे.
- विवाह, तलाक, लिव-इन रिलेशनशिप और उत्तराधिकार का पंजीकरण अनिवार्य होगा.
- पंजीकरण के लिए ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है.
- जहां इंटरनेट सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहां सीएचसी के एजेंट घर-घर जाकर पंजीकरण कराएंगे.
- आधार कार्ड के माध्यम से पंजीकरण की प्रक्रिया होगी.
- विवाह विच्छेद की सूचना के लिए 60 दिन की समय सीमा तय.
- लिव इन रिलेशनशिप में रहने वालों को एक माह के भीतर पंजीकरण कराना अनिवार्य.
- पंचायत, पालिका और निगम स्तर पर उप-रजिस्ट्रार और रजिस्ट्रार तैनात किए जाएंगे.
- शिकायतें भी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से दर्ज की जा सकेंगी.
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समान नागरिक संहिता लागू होने से विवाह से लेकर लिव इन रिलेशन तक के पंजीकरण को कानूनी मान्यता मिल सकेगी. पंजीकरण के साथ शुल्क भी लिया जाएगा. इसका नोटिफिकेशन बाद में जारी किया जाएगा.