दिल्ली मेट्रो में अक्सर नए और क्रिएटिव विज्ञापन देखने को मिलते हैं, लेकिन हाल ही में एक विज्ञापन को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. मामला तब तूल पकड़ने लगा जब रेप के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम के पोस्टर मेट्रो में दिखाई दिए. इन विज्ञापनों के वायरल होते ही लोगों ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) से जवाब मांगा.
विवादित विज्ञापन में क्या था?
मेट्रो में लगे इन विज्ञापनों में आसाराम को एक धार्मिक गुरु के रूप में दिखाया गया था और 14 फरवरी को “पेरेंट्स डे” मनाने का संदेश दिया गया था. सोशल मीडिया पर इन विज्ञापनों की तस्वीरें तेजी से वायरल हो गईं, जिससे लोगों में नाराजगी फैल गई. कई लोगों ने सवाल उठाया कि आखिरकार एक अपराधी का प्रचार दिल्ली मेट्रो में कैसे किया जा सकता है?
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कौन है आसाराम और क्यों काट रहा है सजा?
आसाराम के खिलाफ 2001 से 2006 के बीच यौन शोषण और रेप के गंभीर आरोप दर्ज किए गए थे. 2013 में एक युवती ने उनके खिलाफ बलात्कार और बंधक बनाने की शिकायत दर्ज कराई. इस मामले में 2018 में आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई. बेटे नारायण साईं पर भी दुष्कर्म के आरोप थे, और 2019 में उसे भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई. आसाराम की पत्नी लक्ष्मी और बेटी भारती को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया था.
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सोशल मीडिया पर लोगों की नाराजगी
जब लोगों ने मेट्रो में लगे इन विज्ञापनों को देखा तो सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आने लगीं. यूजर्स ने DMRC से सवाल किया कि आखिर एक दुष्कर्मी का विज्ञापन मेट्रो में कैसे लगाया गया? लोगों की आलोचना के बाद DMRC को स्पष्टीकरण देना पड़ा और विज्ञापनों को हटाने का फैसला लिया गया.
DMRC का सफाई और एक्शन
DMRC ने कहा कि उनके पास विज्ञापनों को मंजूरी देने की एक प्रक्रिया है, और यह मामला जांच के अधीन है। वे पता लगा रहे हैं कि आखिर यह विज्ञापन किस प्रक्रिया से गुजरकर मेट्रो में लगा . DMRC ने विवादित विज्ञापनों को हटाने के बाद आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे.