बिहार में उलटफेर, प्रशांत किशोर के साथ आए RCP सिंह

RCP Singh Join Jan Suraj: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में मंत्री और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे आरसीपी सिंह ने जन सुराज की सदस्यता ग्रहण कर ली. पिछले दिनों उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर अपनी नई पार्टी बनाई थी.इतना है नहीं उन्होंने अपनी पार्टी का विलय प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज में कर दिया.

साल के अंत में चुनाव…

बता दें कि, इस साल के अंत में बिहार में विधानभा चुनाव होने है. इस बार के चुनाव में BJP JDU के गठबंधन वाले NDA और कांग्रेस- RJD वाले गठबंधन से प्रशांत किशोर का कड़ा मुकाबला है. लेकिन अब RCP सिंह के आने के बाद प्रशांत किशोर की राह और आसान हो जाएगी क्यूंकि, RCP सिंह ने JDU को खड़ी करने में अहम् भूमिका निभाई थी.

2024 में RCP सिंह ने बनाई थी अपनी पार्टी…

गौरतलब है कि, RCP सिंह ने साल 2024 में भाजपा से नाता तोड़ने के बाद खुद की पार्टी बनाई थी. और उन्होंने इस पारी का नाम “आसा” रखा था. मतलब समझाते हुए आरसीपी सिंह ने कहा था कि मेरी नई पार्टी का नाम आसा है. इसका मतलब है आप सबकी पार्टी. हमारा झंड तीन रंगों का होगा. इसमें सबसे ऊपर हरा, बीच में पीला, नीचे नीला रंग होगा. जब चुनाव आयोग हमें पार्टी सिंबल देगा तो बीच के पीले रंग वाले हिस्से में पार्टी का लोगो काले रंग से आएगा.

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2015 के चुनाव की दिलायी याद

प्रशांत किशोर ने कहा कि नरेंद्र मोदी और भाजपा के विजय रथ को इसलिए रोका जा सका था क्योंकि तब लालू यादव और नीतीश कुमार से पहले प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह साथ आए थे. पीके ने कहा कि 2015 के चुनाव जिताने में जरूर मेरी भूमिका थी.

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कभी नीतीश कुमार के बेहद करीबी थे आरसीपी सिंह

जेडीयू के लिए यह घटनाक्रम किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है. आरसीपी सिंह कभी नीतीश कुमार के सबसे करीबी रहे, लेकिन अब उन्हीं के विरोधी मंच पर खड़े हैं. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जब हम पार्टी में थे तब ‘RCP टैक्स’ लगता था, अब पार्टी छोड़ दिए हैं अब कौन टैक्स ले रहा है? प्रशांत किशोर ने यह भी आरोप लगाया कि जेडीयू में जो नेता हैं, वे अपनी ही पार्टी के जिला अध्यक्षों के नाम तक नहीं जानते नीतीश कुमार को जो सलाह दे रहे हैं, वे खुद फेल हैं.