कृषि कानूनों की वापसी पर मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री का बड़ा बयान, कहा- ये भाजपा कार्यकर्ताओं की नाकामी

मुख्यमंत्री

पीएम मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के खास अवसर पर राष्ट्र को संबोधित किया था। इस दौरान पीएम ने  तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी। हम कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए। अब इस फैसले को लेकर अब मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के इस फैसले से वो हैरान हैं। कृषि कानून के बारे में किसानों को नहीं समझा पाना भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की नाकामी है।

कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा से अवाक रह गई:

इन दिनों बनारस प्रवास पर यूपी पहुंचीं उमा भारती ने ट्वीट कर कहा- “मैं पिछले चार दिनों से वाराणसी में गंगा किनारे हूं। दिनांक 19 नवम्बर 2021 को हमारे प्रधानमंत्री माननीय मोदी जी ने जब तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा की तो मैं अवाक रह गई। इसलिए तीन दिन बाद प्रतिक्रिया दे रही हूं”।

भाजपा के कार्यकर्ताओं की कमी:

उमा भारती ने कहा कि अगर कानूनों की महत्ता पीएम मोदी किसानों को नहीं समझा पाए तो उसमें हम सब भाजपा के कार्यकर्ताओं की कमी है। हम क्यों नहीं किसानों से ठीक से सम्पर्क और संवाद कर सके। इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी के संबोधन पर कहा- “कानूनों की वापसी करते समय जो उन्होंने कहा, वह मेरे जैसे लोगों को बहुत व्यथित कर गया”।

पीएम मोदी बहुत गहरी सोच और समस्या की जड़ को समझने वाले प्रधानमंत्री हैं:

उमा भारती ने आगे लिखा कि पीएम नरेंद्र मोदी बहुत गहरी सोच और समस्या की जड़ को समझने वाले प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के संबंध में विपक्ष के निरंतर दुष्प्रचार का सामना हम नहीं कर सके। इसी कारण उस दिन प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन से मैं व्यथित हो रही थी। अंत में उमा भारती ने लिखा कि पीएम मोदी ने तो क़ानूनों को वापस लेते हुए भी अपनी महानता स्थापित की। हमारे देश का ऐसा अनोखा नेता सदैव सफल रहे, यही बाबा विश्वनाथ व मां गंगा से प्रार्थना करती हूं।

 

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