20 महीने से मां से दूर है ढाई वर्षीय अरिहा, जर्मनी से बच्ची को वापस मांग रहा देश
जर्मनी में फंसी बच्ची अरिहा शाह का मामला एक बार फिर से उठाया गया है। अरिहा की मां धारा शाह ने भारत सरकार के अरिहा को भारत लाने की मांग की है। उन्होंने इस मामले में मोदी सरकार के हस्तक्षेप की भी मांग की है। दरअसल, अरिहा जब 7 माह की थी तब जर्मनी यूथ वेलफेयर ने उसे कस्टडी में भेज दिया था और बच्ची के माता पिता पर शारीरिक शोषण का आरोप लगाया गया था। हालांकि, बाद में इन आरोपों को वापस ले लिया गया था।
जर्मनी के सुविधा गृह में रह रही बच्ची
जर्मनी में एक देखभाल सुविधा गृह में रह रही अरिहा शाह की माँ धारा शाह ने कहा कि “हमारी बच्ची हमसे 20 महीने से दूर है। हमें उसके डायपर में खून दिखा तो हम उसे डॉक्टर के पास ले गए। पहले तो उन्होंने कहा कि सब ठीक है, लेकिन जब हम दोबारा गए तो उन्होंने बच्ची को बाल गृह भेजकर हम पर उसका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया।”
प्राइवेट पार्ट में चोट लगने से छीन ली कस्टडी
आपको बताते चले कि, 2021 में अरिहा करीब 7 महीने की थी। तब उसकी दादी जर्मनी गईं थीं। उनकी गलती से अरिहा के प्राइवेट पार्ट पर चोट लग गई। डाइपर में खून दिखने के बाद पेरेंट्स अरिहा को अस्पताल ले गए। यहां उन पर जर्मनी चाइल्ड केयर यूनिट ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। इसके बाद बच्ची को पेरेंट्स से दूर फोस्टर केयर में भेज दिया गया।अरिहा की मां धरा कहती हैं- अस्पताल में बच्ची को ले जाने पर हॉस्पिटल वालों ने चाइल्ड अथॉरिटी को बुलाया और वह बच्ची को ले गए। दिसंबर 2021 में हॉस्पिटल की रिपोर्ट में यौन उत्पीड़न का कोई मामला सामने नहीं आने पर केस को खारिज कर दिया।फैसला आने के बाद गुजरात सरकार ने जर्मनी को नोटिस भेजा और कहा कि, बच्ची इंडियन सिटीजन है। इस वजह से बच्ची को भारत सरकार की देखरेख में रखा जाए। कोर्ट के फैसले के इंतजार में काफी वक्त निकल गया और अब एक हफ्ते जर्मन चाइल्ड वेलफेयर ने बच्ची को नए सेंटर में डाल दिया।
जर्मनी से अरिहा को मांग रहा भारत
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि “हम जर्मनी से बच्ची (अरिहा शाह) को भारत वापस करने का अनुरोध कर रहे हैं। वह एक भारतीय नागरिक है और उसे 2021 में जर्मनी के युवा कल्याण की हिरासत में रखा गया था जब वह 7 महीने की थी। अब वह पिछले 20 महीनों से फॉस्टर होम में है।” अरिंदम बागची ने कहा कि “हम जर्मन अधिकारियों से अरिहा को जल्द से जल्द भारत भेजने के लिए हर संभव प्रयास करने का आग्रह कर रहे हैं। हम अरिहा शाह की भारत वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
जर्मनी में अन्य देशों के भी बच्चे फंसे
जर्मनी में यह अकेला ऐसा मामला नहीं है, तुर्की, पोलैंड, रोमानिया, अन्य देशों में भारतीय नागरिक ऐसे मामलों से जूझ रहे हैं जिन्होंने अपने बच्चों को इसी तरह खो दिया है. भारत सरकार ने अब तक क्या किया है और किसी देश को सांस्कृतिक अंतर पर कहां रेखा खींचनी चाहिए, यह सवाल उठ रहा है.
क्यों माँ ने किया सुषमा स्वराज को याद
बच्ची की व्याकुल और भावुक मां ने अपने बच्चे को वापस पाने के संघर्ष के बीच दिवंगत विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को याद किया. उन्होंने कहा, ‘सुषमा स्वराज एक मां थीं, इसलिए वह एक मां का दर्द समझती थीं। यहां तक कि विपक्ष में रहते हुए भी उन्होंने हमेशा इस कारण का समर्थन किया। वह कहती थीं, अगर बच्चा भारतीय नागरिक है तो हमें पता है कि अपने बच्चे की देखभाल कैसे करनी है. यह उनका स्टैंड था. 20 महीने हो गए हैं। मुझे विश्वास है कि अगर भारत सरकार हस्तक्षेप करती है, अगर प्रधानमंत्री मोदी इस मामले में हस्तक्षेप करते हैं, तो मेरी बेटी को न्याय मिलेगा। वह एक भारतीय बच्ची है। वह एक गुजराती बच्ची है।