ये महाकुंभ नहीं आसान, UP से लेकर MP तक हलकान…

प्रयागराज: प्रयागराज महाकुंभ में इस सदी का सबसे लंबा जाम लग गया है. महाकुंभ में स्नान करने जाने वाले श्रद्धालुओं का ऐसा सैलाब उमड़ा है कि शहर में पिछले तीन दिन में 15 लाख लोग वहां पहुंच गए हैं. इतना ही नहीं महाकुंभ के चलते शहर में पिछले 25 दिन में 44 करोड़ लोग की आवाजाही देखी गई है. प्रयागराज में भीड़ और भयानक ट्रैफिक जाम की तस्वीरें देखकर दुनिया हैरान हैं फिर भी आस्था के इस महाकुंभ में श्रद्धालुओं के जमावड़े का सिलसिला थमता नहीं नजर आ रहा है.

माघी पूर्णिमा के चलते जाम…

बता दें कि महाकुंभ में माघी पूर्णिमा के स्नान के चलते इस समय परायगराज में श्रद्धालुओं की भीड़ एक बार फिर देखने को मिलने लगी है. जाम को हटाने के लिए प्रशासन से लेकर पुलिस तक के पसीने छूट रहे हैं. दूसरी ओर इसका असर प्रदेश ही नहीं देश की कई राज्यों की सीमा पर दिखाई देने लगा है. प्रयागराज के आसपास के सरहदी जिलों से लेकर मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार के जिलों तक ट्रैफिक जाम ने अपना असर दिखाया है.

संगम में तिल रखने की जगह नहीं…

बता दें कि संगम तट पर इतनी भीड़ हो गई है कि वहां तट पर तिल रखने की भी जगह नहीं है. संगम में एक डुबकी की चाहत रखने वाले लोगों की तादात इतनी बढ़ गई है कि लाखों लोग तट पर जमा हो गए हैं. गंगा के घाटों की ओर लगातार बढ़ने वाले श्रद्धालुओं का सैलाब लगातार बढ़ रहा है.

इस वजह बढ़ रही भीड़…

प्रयागराज में पैदा हुए हालात को लेकर वहां पहुंच रहे श्रद्धालुओं, पुलिसकर्मियों, प्रशासन के अधिकारियों और स्थानीय लोगों से बातचीत की गई. पता चलता है कि दरअसल इस परेशानी के पीछे कुछ बड़ी वजहें भी हैं. महाकुंभ में रोज आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कोई कमी नहीं हो रही है. प्रधानमंत्री के दौरे के बाद महाकुंभ में श्रद्धालुओं की तादाद तेजी से बढ़ी है. ज्यादातर लोग निजी वाहनों से प्रयागराज पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.

अखिलेश यादव ने सरकार पर बोला हमला

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महाकुंभ 2025 की तैयारियों और व्यवस्थाओं को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने एक्स (X) पर पोस्ट कर सरकार की अव्यवस्थाओं को उजागर करते हुए कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं. अखिलेश यादव ने लिखा “जाम में फंसे लोग अपने वाहनों में घंटों तक कैद हैं. दैनंदिनी जरूरतों के लिए महिलाओं तक के लिए कोई स्थान नहीं है. रास्तों में बेसुध हो रहे लोगों की देखभाल का कोई इंतजाम नहीं हैं.”