वक्फ कानून पर फंसा पेंच, CJI ने कहा- ‘ऐसी याचिकाओं पर मैं आदेश नहीं दे पाऊंगा’

Waqf Bill: केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 15 मई को न्यायमूर्ति बी आर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई तय की.

अब 15 मई को होगी अगली सुनवाई…

अब वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में 15 मई को अगली सुनवाई होगी. सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा कि आदेश पारित करने से पहले इस मामले पर उचित सुनवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हर किसी की बात सुननी होगी.

ऐसी याचिकाओं पर आदेश नहीं देना चाहता

बता दें कि सीजेआई संजीव खन्ना 13 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं . इसी को देखते हुए उन्होंने कहा कि वे कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित नहीं रखना चाहते हैं. इसलिए उन्होंने ये केस दूसरी पीठ के समक्ष रखा है.

वक्फ कानून को इन आधारों पर दी गई है चुनौती

सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून को संविधान के अनुच्छेद 25, 26, 29 और 30 के तहत चुनौती दी गई है. इसमें कहा गया है कि धर्म किसी का भी निजी मामला होता है. ऐसे में सरकार इस मामले को कानून बनाकर दखल नहीं दे सकती है. देश के कई गैर सरकारी संगठनों, मुस्लिम संगठनों और विपक्षी कांग्रेस समेत कई लोगों ने इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दे रखी थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह चुनिंदा याचिकाओं पर ही सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में ये बातें उठ चुकी हैं.

Also Read : पाकिस्तान हमसे मजबूतः BJP सांसद सुधांशु त्रिवेदी

अनुच्छेद 26 का क्या उल्लंघन करता है वक्फ कानून

याचिकाकर्ताओं के अनुसार, नया वक्फ कानून अनुच्छेद 26 का भी उल्लंघन करता है. यह अनुच्छेद धार्मिक समुदाय को अपने धार्मिक संगठनों के रखरखाव का अधिकार देता है. मगर, अब नए वक्फ कानून से धार्मिक संस्थाओं के प्रबंधन का अधिकार छिन जाएगा. इसी तरह अल्पसंख्यकों के अधिकारों को छीनना अनुच्छेद 29 और 30 का उल्लंघन माना जाता है. इन अनुच्छेदों का उद्देश्य अल्पसंख्यक वर्गों के हितों की रक्षा करना और उनकी संस्कृति, भाषा और शिक्षा को बढ़ावा देना है.

Also Read : सावधान: क्या आपको भी च्यूइंगम चबाने की हैं लत, जानिए क्यों है खतरनाक

कोर्ट के तीन अहम् सवाल …

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तीन मुख्य सवाल उठाए हैं. सवाल है कि क्या वक्फ संपत्तियों को डिनोटिफाई करने की अनुमति मिलनी चाहिए. दूसरा सवाल क्या विवाद की स्थिति में कलेक्टर के अधिकारों पर रोक लगानी चाहिए जबकि तीसरा सवाल यह है कि क्या वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिमों की एंट्री बैन होगी.