बेमिसाल, यूपी के नायक हैं युवा मुख्यमंत्री: जगदीप धनखड़

लखनऊ: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर सराहना की है. उन्होंने योगी को ‘युवा मुख्यमंत्री’ करार दिया. उन्होंने कहा कि जब आपसे उम्र में बड़े लोग खुद को युवा कहते हैं, तो आप नि:संदेह युवा मुख्यमंत्री हैं. आप आठ साल बेमिसाल, यूपी के नायक हैं. उप राष्ट्रपति गुरुवार को राजधानी स्थित डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) के अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की आत्मकथा ‘चुनौतियां मुझे पसंद हैं’ का विमोचन करने पहुंचे थे.

जेवर एयरपोर्ट का दुनिया कर रही है इंतजार

धनखड़ ने उत्तर प्रदेश की आर्थिक प्रगति की चर्चा करते हुए कहा कि साढ़े आठ साल में बिना कोई टैक्स लगाए 12.5 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था को करीब 30 लाख करोड़ तक पहुंचाना, अपने आप में एक शोध का विषय है. प्रति व्यक्ति आय में यूपी ने जबरदस्त छलांग लगाई है. उन्होंने प्रदेश में हुए बुनियादी ढांचे के विकास की तारीफ की. कहा कि भारत गणतंत्र के 55 प्रतिशत एक्सप्रेस-वे यूपी के पास हैं. दुनिया के कुछ ही देशों में मेट्रो है, लेकिन यूपी के छह शहरों में मेट्रो रेल सेवा है और यह देश में सर्वाधिक है.

राष्ट्रपति और राज्यपाल के पद पर टिप्पणियों पर जताई चिंता

उप राष्ट्रपति ने संवैधानिक पदों की गरिमा पर जोर देते हुए कहा कि हमारे संविधान में दो पद सुप्रीम हैं, राष्ट्रपति और राज्यपाल. ये संविधान को संरक्षित, सुरक्षित और समर्थन करने वाले पद हैं. ऐसे गरिमापूर्ण पदों पर टिप्पणियां करना मेरे हिसाब से चिंतन और सोच का विषय है. उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी चिंताएं व्यक्त कीं और कहा कि सभी संस्थाओं को अपनी सम्यक भूमिका निभानी चाहिए. धनखड़ ने विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सामंजस्य की आवश्यकता पर बल दिया.

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पुस्तक और राज्यपाल की प्रेरणादायी यात्रा की सराहना की

उपराष्ट्रपति ने आनंदीबेन पटेल की आत्मकथा को प्रेरणास्रोत बताते हुए कहा कि ये पुस्तक केवल आनंदीबेन पटेल के लिए नहीं है, ये सभी के लिए प्रेरणास्रोत है. इन्हें चुनौतियां पसंद हैं, क्योंकि ये अन्याय को बर्दाश्त नहीं करतीं. उन्होंने पुस्तक विमोचन के लिए चुने गए दिन और स्थान की सराहना की और कहा कि आज गुजरात स्थापना दिवस और श्रमिक दिवस है.

स्थान के रूप में अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी का चयन टेक्नोलॉजी के युग में भारत की प्रगति को दर्शाता है. उन्होंने आनंदीबेन के साहस की प्रशंसा करते हुए कहा कि गवर्नर ने हमेशा हिम्मत दिखाई है. ऐसी पुस्तक ईमानदारी से लिखना बहुत मुश्किल है. सबसे बड़ी चुनौती है यह लिखना कि ‘चुनौती मुझे पसंद है ‘.