वो महान फुटबॉलर जिसने 3 बार जीता वर्ल्ड कप, जाने पेले का जीवन और कुछ दिलचस्प किस्से

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फुटबॉल के जादूगर कहे जाने वाले खिलाड़ी पेले आज हमारे बीच नहीं रहे है. उन्होंने 82 की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। सदी के सबसे महान फुटबॉलरों में शुमार पेले का 2021 से कैंसर का इलाज चल रहा था। वह कई बीमारियों के कारण पिछले महीने से अस्पताल में भर्ती थे। फुटबॉल क्र महानतम खिलाडी के लिस्ट में सुमार शुमार पेले ने करीब दो दशक तक अपने प्रशंसकों का खेल के जरिए मनोरंजन किया। वह ब्राजील को फुटबॉल के शिखर तक लेकर गए और अपने सफर में इस खेल के ग्लोबल एम्बेसडर भी बने। तो आईये जानते है उनके जीवन सफर के बारे में-

शुरुआती जीवन संघर्षों से भरा…

कई पीढियों पर अमिट छाप छोड़ने वाले खिलाड़ी बिरले ही होते हैं और फुटबॉल के जादूगर पेले के निधन से मानों फुटबॉल की दुनिया में एक युग का अंत हो गया। फुटबॉल के महानतम खिलाड़ियों में शुमार पेले पहले सांतोस क्लब के लिए और फिर ब्राजील की नेशनल टीम के लिए अपने खेल से विश्व फुटबॉल पर अपनी अमिट छाप छोड़ गए। उनकी पैरों की जादूगरी के विरोधी भी मुरीद हो जाते थे। कहा जाता है कि, उनके खेल में ब्राजील की सांबा शैली झलकती थी। ब्राजील को फुटबॉल की महाशक्ति बनाने वाले पेले के कैरियर की शुरूआत साओ पाउलो की सड़कों पर हुई जहां वह अखबारों के गट्ठर या रद्दी के ढेर का गोला बनाकर फुटबॉल खेला करते थे। 23 अक्टूबर 1940 में जन्मे पेले ने फुटबॉल किट खरीदने के लिए जूते भी पॉलिश किये।

तीन वर्ल्ड कप जीतने का करिश्मा…

ब्राज़ीली फुटबॉल कंफेडरेशन और सैंटोस का दावा है कि पेले ने 1367 मैचों में 1283 गोल किए जबकि फ़ीफ़ा का दावा है कि पेले ने 1366 मैचों में 1,281 गोल किए. 1962 के वर्ल्ड कप में पेले 21 साल के हो चुके थे. उन्होंने मैक्सिको के ख़िलाफ़ पहले मैच में बेहतरीन गोल दागा. लेकिन अगले मैच में चोटिल होने के बाद उन्हें साइडलाइन पर बैठना पड़ा. लेकिन गरिंचा के बेहतरीन प्रदर्शन के चलते ब्राज़ील ख़िताब को डिफेंड करने में कामयाब रही. 1966 में इंग्लैंड में खेले गए वर्ल्ड कप में वे कुछ ख़ास नहीं कर सके लेकिन 1970 में शानदार वापसी करते हुए उन्होंने अपनी टीम को चैंपियन बनाया. इटली के ख़िलाफ़ फ़ाइनल में मिली 4-1 की जीत में पेले ने ब्राज़ील की ओर से पहला गोल दागा था.

पेले के जुडी कुछ खास बातें…

1. पेले नहीं था असली नाम…

डोनडिन्हो और सेलेस्ते ने अपने पहले बेटे का नाम महान आविष्कारक थॉमस एडिसन से प्रेरित होकर एडसन रखा। परिवार वाले उन्हें ‘डिको’ निकनेम से पुकारने लगे, लेकिन स्कूल में ब्राजील गोलकीपर बाइल के ग़लत उच्चारण के कारण उन्हें सभी पेले के नाम से पुकारने लगे।

2. एक साल में 127 गोल…

पेले तब महज 15 साल के थे, जब उन्होंने सांतोस फुटबॉल क्लब के लिए डेब्यू किया। उन्होंने अपने पहले ही मैच में गोल दागा। उन्हें फिर ब्राजील की ओर से खेलने का मौका मिला और 20 मैचों में ही उन्होंने 25 गोल दाग दिए। पेले ने 1959 के कैलेंडर ईयर में सांतोस की ओर से 127 गोल के हैरान कर देने वाले आंकड़े को छुआ।

3. इतिहास का सर्वश्रेष्ठ गोल…

पेले ने अपने करियर में कई गोल दागे, लेकिन माराकाना और फ्लूमिनेंस के बीच 1961 में खेले गए मुकाबले में दागे उनके गोल को फुटबॉल इतिहास का सर्वश्रेष्ठ गोल माना जाता है, जिसके लिए उस वक़्त स्टेडियम में मौजूद दर्शकों ने करीब दो मिनट तक खड़े होकर तालियां बजाई थीं।

4. आधिकारिक राष्ट्रीय संपत्ति’…

पेले की बढ़ती लोकप्रियता के बीच 1961 में इंटर मिलान, युवेट्स, मैनचेस्टर यूनाइटेड और रियाल मेड्रिड जैसे बड़े क्लब उन्हें अपने साथ जोड़ने के लिए पूरी ताकत लगा रहे थे, ऐसे में ब्राजीली प्रेसिडेंट यानियो कुआद्रोस ने देश से बाहर जाने से रोकने के लिए ‘आधिकारिक राष्ट्रीय संपत्ति’ घोषित कर दिया।

5. पेले को देखने के लिए रोका युद्ध…

1969 में नाइजीरिया में गृहयुद्ध छिड़ा हुआ था। उसी दौरान ब्राजीली क्लब सांतोस और नाइजिरियन सुपर ईगल इलेवन के बीच एक मुक़ाबला खेला जाना था। पेले को खेलते देखने की चाहत इस कदर थी कि नाइजिरियाई सरकार और आज़ादी की लड़ लड़ रहे बायफ्रा ने 48 घंटे के लिए सीजफायर (संघर्ष विराम) की घोषणा कर दी। यह मुक़ाबला 2-2 से ड्रॉ रहा था।

6. न्यू यॉर्क के सबसे बड़े वीआईपी…

1970 के दशक की शुरुआत में न्यू यॉर्क में फुटबॉल ज़्यादा लोकप्रिय नहीं था। लेकिन, अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से रिटायर हो चुके पेले को जब 1975 में न्यू यॉर्क कॉसमॉस ने साइन किया तो अमेरिका में फुटबॉल की तस्वीर बदल गई। कॉसमॉस धरती पर सबसे महत्वपूर्ण क्लब बन गया और द किंग पेले न्यूयॉर्क के सबसे बड़े वीआईपी बन गए।

7. एक ही मैच में दोनों टीम से खेले…

1977 में पेले ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का अंतिम मुक़ाबला खेला। न्यूयॉर्क कॉसमॉस और सांतोस के बीच खेले गए इस प्रदर्शनी मैच में पेले दोनों टीम से खेले। पहला हाफ उन्होंने कॉसमॉस की ओर से खेला और 30 यार्ड की दूरी से फ्री किक पर गोल भी दागा, जो उनके करियर का अंतिम गोल भी रहा। दूसरा हाफ उन्होंने सांतोस की ओर से खेला। कॉसमॉस 2-1 से यह मैच जीता। दर्शकों से खचाखच भरे इस मैच को देखने के लिए स्टेडियम में मोहम्मद अली और बॉबी मूर जैसे सितारे भी मौजूद थे। इस मैच के दौरान दूसरे हाफ में बारिश भी होने लगी थी, जिसे तब एक ब्राजीली अखबार ने इस बारिश को पेले की विदाई से जोड़कर शीर्षक दिया था, आसमान भी रो रहा था

8. वो एकमात्र फ़ुटबॉल खिलाड़ी हैं जिन्होंने तीन बार वर्ल्ड कप जीता. 1958, 1962 और 1970 में वर्ल्ड कप जीतने वाली ब्राज़ीली टीम में वे शामिल रहे. उन्हें साल 2000 में फ़ीफ़ा के प्लेयर ऑफ द सेंचुरी का तमगा दिया गया.

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