काशी तमिल संगमम् 3.0 का पहला दल पहुंचा काशी, आज सीएम होंगे शामिल

वाराणसी। काशी तमिल संगमम् 3.0 के लिए पहला दल आज वाराणसी पहुंचा, जहां मेहमानों के स्वागत के लिए भव्य स्तर पर स्वागत किया गया. कल का ही चेन्नई सेंट्रल से पहला दल रवाना हो चुका था. तमिलनाडु के राज्यपाल थिरू आरएन रवि ने उनकी विशेष गाड़ी को हरी झंडी दिखाई थी. मेहमानों के स्वागत में रेड कारपेट बिछाए गए. शंख ध्वनि, डमरू के निनाद और ढोल की थाप के बीच तिलक लगाकर और माल्यार्पण कर स्वागत किया गया.

ई-बसों से मेहमानों को उनके होटलों तक पहुंचाया गया. मेहमान हनुमान घाट पर गंगा स्नान करने के बाद राष्ट्रकवि सुब्रमण्यम भारती के प्रवास स्थल पर जाएंगे. काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन, रामनगर किला, बीएचयू में आयोजित अकादमिक सत्र में सहभागिता करने के साथ नमो घाट पर आयोजित कार्यक्रम में अतिथि भाग लेंगे. नमाे घाट पर आज शाम सीएम योगी आदित्‍यनाथ और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शामिल होंगे.

बीएचयू में होगा अकादमिक सत्र

काशी तमिल संगमम-3 संगमम के तहत 16 से 22 फरवरी तक आयोजित छह अकादमिक सत्र बीएचयू में होंगे. हर जत्थे के मेहमानों को बीएचयू परिसर के ऐतिहासिक स्थलों और विभागों का भ्रमण कराया जाएगा. इससे पहले नमो घाट पर लगे स्टॉल पर व बीएचयू और आईआईटी बीएचयू के बारे में जानेंगे. विवि की तरफ से गठित प्रचार समिति को यह जिम्मा दिया गया है. तमिलनाडु से आने वाले छात्र, शिक्षक, किसान, कारीगर, पेशेवर और छोटे उद्यमियों के अलावा महिलाओं और शोधकर्ता भी काशी के ‘नमो’ घाट पर आयोजित होने वो इस बड़े कार्यक्रम में शामिल होंगे और उन्हें उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम तट पर महाकुंभ मेले में भागीदारी का मौका मिलेगा.

काशी तमिल संगमम का थीम

काशी तमिल संगमम की मुख्य थीम ऋषि अगस्त्य के महत्वपूर्ण योगदान को उजागर करना है जो उन्होंने सिद्धा चिकित्सा पद्धति (भारतीय चिकित्सा), शास्त्रीय तमिल साहित्य और राष्ट्र की सांस्कृतिक एकता में दिया है. इस अवसर पर एक विशिष्ट प्रदर्शनी ऋषि अगस्त्य के व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं के बारे में और स्वास्थ्य, दर्शन, विज्ञान, भाषा विज्ञान, साहित्य, राजनीति, संस्कृति, कला, विशेष रूप से तमिल और तमिलनाडु के लिए उनके योगदान पर आयोजित की जाएगी.

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नमो घाट पर बीएचयू के कृषि संस्थान, दृश्य कला, मंच कला, पशु विज्ञान संकाय, दंत चिकित्सा सहित अन्य विभागों के विशेषज्ञ होंगे. जंतु विज्ञान के प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे और शोधार्थी जीनथिरेपी और और डीएनए विज्ञान की दिशा में हुए उत्कृष्ट कार्यों के बारे में बताएंगे. तमिल प्रतिनिधिमंडल को बीएचयू पर शॉर्ट वीडियो भी दिखाए जाएंगे. तमिल विभाग के आचार्य और छात्र स्वयंसेवक मेहमानों से संवाद का जरिया बनेंगे.

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