कल से शुरू हो रही शारदीय नवरात्रि, जाने घटस्थापना का मुहूर्त

माँ दुर्गा के 9 रूपों की आराधना की पर्व का कल से शुरुवात हो रहा है। आश्विन महीने में नवरात्री के लिए ब्रत रखने के साथ ही उत्सव भी मनाया जाता है।

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हिन्दू धर्म में नवरात्री का बहुत महत्व होता है। माँ दुर्गा के 9 रूपों की आराधना की पर्व का कल से शुरुवात हो रहा है। आश्विन महीने में नवरात्री के लिए व्रत रखने के साथ ही उत्सव भी मनाया जाता है। नवरात्रि में भक्त भक्ति भाव से पूजन करने के साथ एक-दूसरे को नवरात्रि की बधाई भी देते हैं। घर में घट स्तापना के अलावा जगह जगह की दुर्गा माँ की मूर्तियां भी बना कर सजाई जाती है। दशहरा के दिन दिन माता की मूर्तियों का विसर्जन होता है। इस साल दुशहरा 15 अक्टूबर को मनाया जायेगा। इस साल माँ डोली में सवार होकर आ रही है। उत्सव दौरान गरबा और सिंदूर खेला भी मनाया जायेगा।

घट स्थापना:

अश्विन महीने की प्रतिपदा से नवरात्रि शुरू होती हैं। पहले दिन ही  घट स्थापना की जाती है। इस साल 7 अक्‍टूबर  को घट स्‍थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 06:17 मिनट से 10:11 मिनट तक रहेगा। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त 11:46 मिनट से 12:32 मिनट तक रहेगा।

ऐसे करें घट स्थापना:

सुबह मुहूर्त में घट स्थापना करें। स्थापना करते हुए मिट्टी के बर्तन में सप्त धान रखे।फिर  एक कलश में जल भरकर उसके ऊपरी भाग पर नाड़ा बांधकर उसे मिट्टी के पात्र पर रख दें, जिसमें सप्‍त धान्‍य हैं। और कलश के ऊपर पत्ते रखें, पत्तों के बीच में कलावा बंधा हुआ नारियल लाल कपड़े में लपेटकर रखें। फिर कलश पूजा करें।  इसके बाद देवी मां का आह्वान करें। अगले 9 दिनों तक रोजाना घट की पूजा-अर्चना करें। साथ ही तामसिक भोजन एवं बुरी आदतों से दुरी बनाएं रखें।

पूजा का सामान:

नवरात्रि में माता रानी की पूजा के लिए- मां दुर्गा की प्रतिमा या फोटो, फल व मिठाई, कलावा, मेवे, हवन के लिए आम की लकड़ी, जौ, वस्त्र, दर्पण, कंघी, कंगन-चूड़ी, सिंदूर, केसर, कपूर, हल्दी की गांठ और पिसी हुई हल्दी, पटरा, सुगंधित तेल, चौकी, आम के पत्ते, नारियल, दूर्वा, आसन, पांच मेवा, कमल गट्टा, लोबान, गुग्गुल, लौंग, हवन कुंड, चौकी, रोली, मौली, पुष्पहार, बेलपत्र, दीपबत्ती, दुर्गा चालीसा व आरती की किताब, दीपक, घी/ तेल, फूल, फूलों का हार, पान, सुपारी, लाल झंडा, इलायची, बताशे या मिसरी, असली कपूर, उपले,नैवेद्य, शहद, शक्कर, पंचमेवा, जायफल, लाल रंग की गोटेदार रेशमी चुनरी, लाल चूड़ियां, माचिस, कलश, साफ चावल, कुमकुम,मौली, श्रृंगार का सामान जरुरी होता है।

 

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