रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आज भुज एयरबेस पहुंचे जहाँ उन्होंने भारतीत वायु सेना के वीर जवानों से बातचीत की. इस दौरान उनके साथ एयर मार्शल एसपी सिंह मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई और बशीर बद्र की एक गजल को सुनाया और कहा, “कागज का है लिबास, चिरागों का शहर है, चलना संभल संभल के क्योंकि तुम नशे में हो.”
1965 की जीत का गवाह था भुज…
इतना ही नहीं राजनाथ सिंह ने कहा कि भुज पाकिस्तान के खिलाफ 1965 में हुए युद्द का गवाह था और जीत का गवाह बना था . वहीँ आज एक बार फिर पाकिस्तान के खिलाफ जीत का गवाह बना है और मुझे यहाँ उपस्थिति होकर बहुत गर्व महसूस हो रहा है.
जो कुछ भी हुआ वो ट्रेलर मात्र …
रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने स्पष्ट दे दिया है कि हमने शांति के लिए जितना अपना दिल खोलकर रखा है, शांति को नष्ट करने वालों के विरुद्ध उतना ही अपना हाथ खोलकर रखा है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है, जो कुछ भी हुआ वो ट्रेलर मात्र है, जब भी समय आएगा तब हम पूरी दुनिया पूरी पिक्चर दिखाएंगें.
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चलना संभल संभल के क्योंकि…
राजनाथ सिंह ने कहा कि, ये सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए और पाकिस्तान की आम जनता के लिए एक गंभीर खतरे की बात होगी. सारे विश्व और खासकर पाकिस्तान की अवाम को समझना होगा कि वे कितने बड़े खतरे के मुकाम पर बैठे हैं. वे एक ऐसे बारूद की ढेर पर बैठे हैं जिसके चारों ओर माचिस है और आपस में लड़ते हुए लोग हैं.
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सिंदूर श्रृंगार का नहीं बल्कि शौर्य का प्रतीक…
राजनाथ ने कहा- आपके पराक्रम ने दिखा दिया है कि यह वो सिंदूर है, जो श्रृंगार का नहीं शौर्य का प्रतीक है. यह वह सिंदूर है जो सौंदर्य नहीं, संकल्प का प्रतीक है. यह सिंदूर खतरे की वह लाल लकीर है, जो भारत ने आतंकवाद के माथे पर खींच दी है. इस लड़ाई में सरकार और सभी नागरिक एकजुट थे. भारत का हर नागरिक इसमें सिपाही की तरह भागीदार रहा.