स्वामी चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने की आरोपी पीड़िता को मिली जमानत
पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली 23 वर्षीय कानून की छात्रा को शाहजहांपुर जिला जेल से जमानत पर रिहा कर दिया गया है।
बुधवार देर शाम इलाहाबाद हाईकोर्ट ने छात्रा की जमानत को मंजूरी दी।
इससे पहले शाहजहांपुर की निचली अदालतों ने जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।
रंगदारी मामले में जेल में बंद थी पीड़िता-
पीड़िता के साथ अन्य पांच लोगों पर आईपीसी की धारा 385 (जबरन वसूली), धारा 506 (आपराधिक धमकी), 201 (सबूतों को मिटाने) और धारा 35 (आपराधिक इरादें से किया गया आपराधिक कार्य) और धारा 67 सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
छात्रा को कथित तौर पर जबरन वसूली के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 25 सितंबर को गिरफ्तार किया था।
चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने जबरन वसूली का मामला दर्ज कराया था।
न्याय के लिए लड़ेगी छात्रा-
छात्रा का कहना है कि उसे न्याय प्रणाली पर पूरा विश्वास है और वह आखिरी सांस तक न्याय के लिए लड़ेगी।
वहीं छात्रा के पिता का कहना है कि मेरी बेटी जेल से रिहा हो गई, हम बहुत खुश हैं।
हम उसकी जिंदगी को वापस पटरी पर लाने का प्रयास करेंगे, जिसे चिन्मयानंद ने बर्बाद कर दिया था।
हम न्याय के लिए लड़ाई जारी रखेंगे और हमें कानून पर पूरा भरोसा है।
अब हम उसकी परीक्षा के लिए मंजूरी प्राप्त करने के लिए हाईकोर्ट के निगरानी कमेटी के पास जाएंगे।
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