‘रियल हीरो जगन मोहन रेड्डी’ की पदयात्रा का हुआ समापन

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ठंड हो बारिश या गर्मी बिना इसकी परवाह किए वो निरंतर चलता रहा…जनता को उसके अधिकार दिलाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़कों पर उतरा, जनता का उसे बेहिसाब प्यार मिला। जब जनता के बीच वो पहुंचा तो बच्चे हो बूढ़े या महिला क्या पुरुष सबका उसे प्यार मिला।  कहने को वो राजनेता है लेकिन जनता के लिए वो रियल हीरो है। वो जहां खड़े हो जाते है उनके साथ एक हुजुम सा खड़ा हो जाता है। ऐसा ही कुछ अंदाज है।  वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के मुखिया वाईएस जगन मोहन रेड्डी का।  आइए आपको बताते है उनके अब तक का सफर। 

जब आंध्र प्रदेश की राजनीति में लोकतंत्र का गला घोटा जाने लगा और जनता की आवाज को दबाने के लिए सत्तासीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने साम, दाम, दंड और भेद की नीति अपनानी शुरू की और दिन प्रतिदिन राज्य में भ्रष्टाचार का बोलबाला बढ़ने लगा तो नेता प्रतिपक्ष और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के मुखिया वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने विधानसभा को छोड़कर जनता के बीच जाने का फैसला किया ।

इसके लिए प्रजा संकल्प यात्रा शुरू कर के जनहित के मुद्दों को लेकर सड़क पर संघर्ष करने की तैयारी की। इसी के तहत वह आंध्र प्रदेश के वाईएसआर कड़पा जिले के पुलिवेन्दुला निर्वाचन क्षेत्र के इडुपुलपाया से 6 नवंबर 2017 को पदयात्रा पर निकल पड़े।

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केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन करके आंध्र प्रदेश में सरकार बनाने वाले चंद्रबाबू नायडू ने भारतीय जनता पार्टी के नेता नरेन्द्र मोदी के साथ चुनावी जनसभाओं में और अपने अपने घोषणापत्रों में तमाम तरह की घोषणाओं के साथ साथ राज्य को विशेष दर्जा देने की बात कही थी।

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पर सरकार बनने के बाद दोनों नेताओं ने आंध्र की जनता से किए गए कई वायदों को पूरा नहीं किया वहीं राज्य के विशेष दर्जे से भी मुकर गए। इसके बाद जगन मोहन रेड्डी के आन्दोलन की बढ़ती लोकप्रियता व सरकार के प्रति दिख रहे जनाक्रोश को देखकर चंद्रबाबू ने अपने सरकार की नाकामियों को छुपाने के लिए केन्द्र सरकार के उपर दोष मढ़ने लगे।

जब केन्द्र सरकार व राज्य सरकार के रवैए से आंध्र प्रदेश के लोगों को परेशानी बढ़ने लगी तो पहले जगन मोहन रेड्डी व उनके पार्टी के विधायक व सांसदों ने सदन में अपने मुद्दे उठाने की पहल शुरू की तो दोनों सरकारों ने उनकी अनदेखी की और सरकार के विरोध में उठने वाली हर आवाज को दबाने का काम किया। इसीलिए केन्द्र सरकार के मुखिया नरेंद्र मोदी और आंध्र प्रदेश सरकार के मुखिया चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ बिगुल फूंकते हुए जगन महन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश की जनभावना का सम्मान करने का फैसला किया और लोगों के दरवाजे जाकर सीधे लोगों से मुखातिब होने की तैयारी शुरू की। इसके बाद वह अपनी ऐतिहासिक पदयात्रा पर निकल पड़े।

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इस दौरान इनके उपर कई राजनैतिक हमले के साथ साथ 25 अक्टूबर 2018 को जानलेवा हमला भी हुआ और उनकी पदयात्रा में बाधा डालने की तमाम तरह की कोशिशें भी हुईं। इसके बावजूद जगन मोहन रेड्डी का हौसला कम नहीं हुआ बल्कि और वह मजबूत होकर वह अपनी पदयात्रा पर कायम रहे और 3648 किमी की यात्रा को 341 दिनों तक धूप-बरसात व ठंड की परवाह न करते हुए चलकर 9 जनवरी को इच्छापुरम में पूरा किया। इस पूरी पदयात्रा में वह लगभग डेढ़ करोड़ लोगों से सीधे रूबरू हुए।

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पदयात्रा के ऐतिहासिक स्तूप को लोगों को समर्पित करते हुए जगन मोहन रेड्डी ने कहा.. ‘पिछले 14 महीनों में मैं भले ही 3,648 किलो मीटर लंबा पैदला चला हूं, लेकिन उसे चलाने वाले तो राज्य के लोग और उनका प्यार है। मैं पिछले 14 महीनों से राज्यभर के 13 जिलों से गुजरी प्रजा संकल्प यात्रा के दौरान लोगों से मिले जनसमर्थन, प्यार और आदर का सिर झुककार लोगों का आभार व्यक्त करता हूं। यह जरूरी नहीं है कि पदयात्रा कितने किलो मीटर चली, बल्कि जरूरी है इस पदयात्रा में लोगों के दुख दर्द को बांटने का काम किया है।”

मांगा जनता का साथ

“राज्य में मेरी पार्टी की सरकार बनने पर मेरी कोशिश होगी कि आपको मेरा शासन देखकर आप सभी को मेरे पिता जी की याद आए। नवरत्नालु को हर घर तक पहुंचा कर उसकी अच्छाई के बारे में बताने की जरूरत है।

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अगर यह बात लोगों तक आप सभी लोग पहुंचाएंगे, तो कोई भी चंद्रबाबू नायडू से पैसे लेकर कभी वोट नहीं देगा। मैं पिछले 14 महीनों से गरीब के साथ हूं…उनकी परेशानी सुनने के साथ उन्हें ढांढस बांधते हुए आगे बढ़ता रहा। हर गरीब के लिए कुछ अच्छा करने की मंशा है। बिगड़ी राजनीतिक व्यवस्था को सुधारने के लिए आगे बढ़े आपके बेटे का साथ देने और आशीर्वाद देने का अनुरोध करता हूं। प्रजा संकल्प यात्रा आज से खत्म हो रही है, लेकिन हमारा संघर्ष आगे भी चलता रहेगा।”

यात्रा एक नजर में

कुल दूरी.. 3648
कुल दिन.. 241
कुल गांव… 2516
जिले… 13
कुल जनसभाएं.. 124
विधानसभा क्षेत्र… 134
नगर निगम क्षेत्र.. 8
नगर पालिकाएं.. 54
मंडल केन्द्र.. 203
लोगों से संपर्क.. 15, 000 (प्रतिदिन)

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पदयात्रा का मुख्य कारण

1. विधानसभा में विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश की गई और जनहित के मुद्दों के उठाने के पर्याप्त अवसर नहीं दिए गए।

2. विरोधी दल के नेताओं व विधायकों को दलबदल कराकर अपने दल में न सिर्फ शामिल कराया गया बल्कि उन्हें मंत्री का पद भी दिया गया।

3. विधानसभा अध्यक्ष का पक्षपाती रवैया लगातार जारी रहा है और वह विरोधी दल के नेता की किसी भी बात को सुनने को तैयार नहीं दिखे। यहां तक कि दल बदल करने वाले विधायकों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की।

4. विपक्ष के नेताओं को विधायक निधि तक न देकर चंद्रबाबू सरकार ने उन इलाकों के लोगों को कई विकास की सुविधाओं से वंचित करने की कोशिश की, जहां YSRCP के विधायक या सांसद जीतकर आए थे।

5. राज्यभर में विकास योजनाओं के साथ साथ खनन व जमीनों की हेराफेरी का कारोबार भी जोर शोर से बढ़ता रहा। साथ ही सरकार के नेताओं की संरक्षण में भ्रष्टाचार को जमकर बढ़ावा दिया गया।

6. विशेष दर्जे के मामले पर केन्द्र व चंद्रबाबू की ढुलमुल नीति भी जगन मोहन रेड्डी को पदयात्रा पर जाने को मजबूर कर दिया क्योंकि चार सालों तक चंद्रबाबू केवल मोदी सरकार की हां में हां मिलाते रहे और विशेष दर्जे की मांग को दरकिनार करते रहे।

7. जनकल्याणकारी योजनाओं को देने में पक्षपात करके भी चंद्रबाबू सरकार ने लोगों के मन में आक्रोश भरने का काम किया। इनकी पार्टी के कार्यकर्ता व नेता विरोधी दल के समर्थकों से मूलभूत सुविधाएं तक छीन लीं और उनका जमकर उत्पीड़न किया।

8. नवरत्नालु जैसी लोककल्याणकारी योजना को बंद करने का काम करके आंध्र प्रदेश सरकार ने लोगों से कई तरह की सुविधाएं छीन लीं, जिनके जरिए, वह पिछली सरकारों में कई तरह के लाभ पाते थे।

9. विरोधी दल के कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने का सिलसिला राज्यभर में जारी रहा और सही गलत का फैसला भी लोगों की राजनीतिक पहचान देखकर की जाने लगी थी।

10. राज्य की संवैधानिक संस्थाओं का राजनैतिक उपयोग करना शुरू कर दिया था और कई सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग भी अपने राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा था।

मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू के गलत शासन, भ्रष्टाचार और नॉन-परफार्मेन्स वाली सरकार का पर्दाफाश करने के साथ साथ जनता को सरकार की हकीकत से रूबरू कराना ही वाईएस जगन मोहन की पदयात्रा का मिशन था और इसके लिए वह पार्टी के कार्यकर्ताओं के सहयोग से पूरे राज्य में एक ऐसा महौल खड़ा करने में सफल हो गए हैं, जिससे राज्य की सत्तासीन सरकार ही नहीं बल्कि अन्य बड़े दलों की नींद भी उड़ गई है।

ऐसे बढ़ता गया जगन का कारवां

0000 KM वाईएसआर कड़पा जिले के पुलिवेन्दुला निर्वाचन क्षेत्र के इडुपुलपाया के पास (6 नवंबर, 2017)

0100 KM कुर्नूल जिले के आल्लगड्‍डा निर्वाचन क्षेत्र के चागलमर्रि के पास (14 नवंबर, 2017)

0200 KM कुर्नूल जिले के डोन निर्वाचन क्षेत्र के मुद्दवरम के पास (22 नवंबर, 2017)

0300 KM कर्नूल जिले के एम्मिगुनुरू निर्वाचन क्षेत्र के कारुमंची के पास (29 नवंबर, 2017)

0400 KM अनंतपुर जिला के शिंगनमला निर्वाचन क्षेत्र के गुमेपल्ली के पास (7 दिसंबर, 2012)

0500 KM अनंतपुर जिले के धर्मवरम निर्वाचन क्षेत्र के गोट्लुरु के पास (16 दिसंबर, 2017)

0600 KM अनंतपुर जिले के कदिरी निर्वाचन क्षेत्र के कटरुपल्ली क्रॉस रोड के पास (24 दिसंबर, 2017)

0700 KM चित्तूर जिले के पिलेरु निर्वाचन क्षेत्र के चिंतपर्थी उपनगरी के पास (2 जनवरी, 2018)

0800 KM चित्तूर जिले के गंगाधर नेल्लोर निर्वाचन क्षेत्र के नल्लावेंगणगप्पाली के पास (11 जनवरी, 2018)

0900 KM चित्तूर जिले के श्रीकालहस्ती निर्वाचन क्षेत्र के चेर्लोपल्ली हरिजनवाड़ा के पास (21 जनवरी, 2018)

1000 KM नेल्लोर जिले के वेंकटगिरी निर्वाचन क्षेत्र के मैदापुरम के पास (29 जनवरी, 2018)

1100 KM नेल्लोर जिले के आत्मकुरु निर्वाचन क्षेत्र के कलिगिरी के पास (7 फरवरी, 2018)

1200 KM प्रकाशम जिल के कंदुकुरु निर्वाचन क्षेत्र के रामकृष्णपुरम के पास (16 फरवरी, 2018)

1300 KM प्रकाशम जिले के कनिगीरी मंडलम के नंदनमारेल्लु के पास (25 फरवरी, 2018)

1400 KM प्रकाशम जिले के अद्दंकी निर्वाचन क्षेत्र के नागुलपाडू के पास (5 मार्च, 2018)

1500 KM गुंटूर जिले के पोन्नूर निर्वाचन क्षेत्र के मुलुकुदुरु के पास (14 मार्च, 2018)

1600 KM गुंटूर जिले के सत्तेनप्पल्ली निर्वाचन क्षेत्र के पलुदेवर्लपाडू के पास (27 मार्च, 2018)

1700 KM गुंटूर जिले के तेनाली निर्वाचन क्षेत्र के सुल्तानबाद के पास (7 अप्रैल, 2018)

1800 KM कृष्णा जिले के मैलवरम निर्वाचन क्षेत्र के गणपवरम के पास (18 अप्रैल, 2018)

1900 KM कृष्णा जिल के पामर्रू निर्वाचन क्षेत्र के ताडंकी के पास (29 अप्रैल, 2018)

2000 KM पश्चिमी गोदावरी जिले के एलुरु निर्वाचन क्षेत्र में वेंकटपुरम के पास (14 मई, 2018)

2100 KM पश्चिमी गोदावरी जिले के ताडेपल्लीगुडेम निर्वाचन क्षेत्र के पिप्पारा के पास (22 मई, 2018)

2200 KM पश्चिमी गोदावरी जिले के नरसापुरम निर्वाचन क्षेत्र के रेलवे गेट के पास (30 मई, 2018)

2300 KM पश्चिमी गोदावरी जिले के कोव्वूरु निर्वाचन क्षेत्र के नंदमूरु क्रास रोड के पास (11 जून, 2018)

2400 KM पूर्वी गोदावरी जिले के राजोलु निर्वाचन क्षेत्र के लक्कवरम के पास (21 जून, 2018)

2500 KM पूर्वी गोदावरी जिलेके रामचंद्रपुरम निर्वाचन क्षेत्र के पुलसापुड़ीपुल के पास (8 जुलाई,2018)

2600 KM पूर्वी गोदावरी जिले के जग्गमपेट निर्वाचन (शहर) के पास (28 जुलाई, 2018)

2700 KM पूर्वी गोदावरी जिले के तुनी के पास (11 अगस्त, 2018)

2800 KM विशाखापट्टनम जिले के येलमंचिली के पास (24.08.2018)

2900 KM विशाखापट्टनम जिले के सब्बावरम के पास (05.09.2018)

3000 KM विजयनगरम जिले के कोत्तावलसा के पास (24.09.2018)

3100 KM विजयनगरम जिले के चीपुरपल्ली निर्वाचन क्षेत्र के आनंदपुर क्रास रोड के पास (08.10.2018)

3200 KM विजयनगरम जिल के सालुर मंडल के बागुवलसा के पास (24.10.2018)

3300 KM विजयनगर जिले के जियम्मावलसा मंडल के तुरकनायुडू के पास (24.11.2018)

3400 KM श्रीकाकुलम जिले के येच्चर्ला (निर्वाचन) क्षेत्र के पास (06.11.2018)

3500 KM श्रीकाकुलम जिले के टेक्कली निर्वाचन क्षेत्र के राविवलसा के पास (22.11.2018)

3600 KM श्रीकाकुलम जिले के इच्छापुरम निर्वाचन क्षेत्र के बारुवा जंक्शन के पास (05.01.2019)

3648 KM श्रीकाकुलम जिले के इच्छापुरम में समापन (09.01.2019)

ये है नवरत्नालु योजना

1.रैतु भरोसा- योजना के अंतर्गत किसान के परिवार को 12,500 से एक लाख तक का लाभ मिलेगा। साथ ही नि:शुल्क बोरवेल, नि:शुल्क बिजिली, बिना ब्याज का कर्ज, किसानों के ट्रैक्टर को रोड टैक्स माफी, मुख्य हैं। सरकार बनने के दूसरे साल से मई महीने में फसल खर्च के लिए किसानों को चार साल तक 12,500 रुपये दिये जाएंगे। कृषि के लिए दिन में 9 घंटे नि:शुल्क बिजली दी जाएगी।

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अक्वा किसानों को बिजली बिल हर युनिट 1.50 रुपये कम किया जाएगा। तीन हजार करोड़ रुपये की फसल दामों को यथावत रखने लिए एक निधि स्थापित की जाएगी। इसके अलावा चार हजार करोड़ रुपये की आपदा निधि भी स्थापित की जाएगी। हर निर्वाचन क्षेत्र में एसी गोदामों का निर्माण किया जाएगा। यदि आवश्यकता पड़ी तो खाद्य शुद्धिकरण युनिटों को भी स्थापित किया जाएगा। सत्ता में आने के पहले साल में सहकारिता क्षेत्र को पुनर्गठित किया जाएगा। दूसरे साल से सहकारिता डेरी को दूध की आपूर्ति करने वाले किसानों को हर लिटर दूध पर 4 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। आत्महत्या कर चुके किसानों के परिजनों को वाईएसआर बीमा योजना के तहत पांच लाख रुपये दिया जाएगा। इस रकम को कर्जदाता न ले पाये इसके लिए कानून भी बनाया जाएगा।

2.फीस पुनर्भुगतान- योजना के अंतर्गत गरीब छात्रों की पढ़ाई का खर्च सरकार वहन करेगी। इसके जरिए हर परिवार को हर साल एक से लेकर डेढ़ लाख का फायदा होगा। इसके अलावा छात्रों के निवास और भोजन के खर्च के लिए हर साल 20 हजार रुपये भी दिये जाएंगे।

3.आरोग्यश्री- योजना के अंतर्गत हर परिवार को हर साल एक लाख से लेकर दस लाख रुपये तक का लाभ मिलेगा। यदि चिकित्सा खर्चा एक हजार रुपये से अधिक होने पर उसे आरोग्यश्री श्रेणी में लाया जाएगा। कितना भी लाख खर्चा क्यों न हो उसे आरोग्यश्री द्वारा इलाज किया जाएगा। हैदराबाद, बेंगलुरू, चेन्नई के अलावा देश में कहीं पर इलाज किये जाने पर भी उसे आरोग्यश्री लागू होगी। हर प्रकार की बीमारी और ऑपरेशन आरोग्यश्री परिधि में आएंगे। ऑपरेशन होने या बीमार व्यक्ति को आराम के समय वित्तीय मदद दी भी दी जाएगी। किडनी और दीर्घकालीन बीमार व्यक्ति को हर महीने 10 हजार रुपये दिया जाएगा।

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4.जलयज्ञम योजना- इस योजना के अंतर्गत लाखों किसानों के परिवार को लाभ मिलेगा। पोलवरम के साथ-साथ सभी परियोजनाओं को युद्धस्तर पर पूरा किया जाएगा। साथ ही किसानों के खेतों में सिंचाई जल से लबालब कर दिया जाएगा।

5.मद्य निषेध- शराब मानव संबंधों को चकनाचूर कर रहा है। इस शराब महामारी को तीन चरणों में प्रतिबंध मिटाया (लगाया) जाएगा। इस प्रकार लाखों परिवारों में आनंद ही आनंद से भर दिया जाएगा।

6.अम्माओडी (मां की गोद)- योजना के अंतर्गत बच्चों को स्कूल भेजने वाले हर मां को हर साल 15 हजार रुपये दिये जाएंगे।

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7.वाईएसआर आसरा (वाईएसआर सहयोग)- योजना के अंतर्गत चुनाव के दिन तक जो भी बचत संघ (पोदुपु संघालु) है, उनके पूरे कर्ज को चार चरणों में सीधे महिलाओं को दिया जाएगा। इतना नहीं बिना किसी ब्याज का कर्जा भी दिया जाएगा। जो ब्याज है वो सरकार ही बैंकों को भुगतान करेगी। इसके जरिए हर परिवार को साल में 50 हजार रुपये का फायदा होगा।

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इसी तरह जिनकी आयु 45 साल हो चुकी हो, ऐेसे बीसी, एससी, एसटी और अल्पसंख्यक महिलाओं को पेंशन दिया जाएगा। सरकार सत्ता में आते ही दूसरे साल से चार सालों में 75 हजार रुपये चरणबद्ध तरीके से उनके सहकारिता संघों द्वारा नि:शुल्क दिया जाएगा।

8.गरीबों को मकान- योजना के अंतर्गत हर परिवार को दो से पांच लाख तक लाभ मिलेगा। जिन गरीबों को मकान नहीं है, उन सभी को पक्के मकान बनवाकर दिया जाएगा। पांच साल में 25 लाख मकान बनवाने का लक्ष्य है। जिस दिन मकान दिया जाएगा, उसी दिन उनके नाम पर पंजीकरण किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो उस मकान पर चार आणा ब्याज पर बैंक में कर्जा भी दिलवाया जाएगा।

9.पेंशन में बढ़ोत्तरी- योजना के अंतर्गत हर परिवार को 24 हजार से 48 हजार तक का लाभ मिलेगा। इस समय पेंशन हासिल करने वालों की आयु सीमा 65 साल है, उसे 60 साल तक कम किया जाएगा। नाना-नानी और दादा-दादी को हर महीने दो हजार और दिव्यांगों को तीन हजार रुपये पेंशन दिया जाएगा।

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