Mahakumbh 2025: प्रयागराज के संगम तट पर लगा भव्य महाकुंभ मेला अपने शुरूआती दिनों से काफी बेहतर तरीके से चल रहा था, मगर अचानक एक घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया, साथ ही यूपी सरकार की उन सभी सुरक्षाओं पर पानी फेर दिया जिसे महाकुंभ में आये सभी भक्तों ने खुद बयां किया था. दरअसल, आज बुधवार 29 जनवरी को मनाई जा रही मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान करने के लिए करोड़ों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली है. बड़ी बात तो ये है कि मंगलवार की आधी रात से ही लोगों की भीड़ इक्ट्ठा होने लगी. जिसके चलते महाकुंभ में पैर रखने की भी जगह नहीं रही, यहीं कारण था कि श्रद्दालुओं के बीच भगदड़ मच गई, और कई लोगों की जान चली गई तो कई गंभीर रूप से घायल भी हो गए. जो बड़े ही दुख की बात है साथ ही ये घटना एक बड़ा चर्चा का विषय भी बन बैठा है.
जानकारी के मुताबिक, आज मौनी अमावस्या के अवसर पर त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान के लिए महाकुंभ नगरी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। जहां सुबह 6 बजे तक 1.75(एक करोड़ पचहत्तर लाख) लोगों ने संगम तट पर पावन स्नान किया है। ऐसे में मेला प्रशासन के अनुसार बीतें 28 जनवरी तक कुल 19.94 ( लगभग 20करोड़ लोग महाकुंभ के दौरान पावन स्नान कर चुके हैं। वहीं, योगी सरकार द्वारा महाकुंभ में मौनी अमावस्य़ा पर आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद का अनुमान लगाते हुए कई बड़े सुरक्षा-व्यवस्था की गई थी.
महाकुंभ में भीड़ ने मचाई भगदड़
इत्तेफाक की बात तो ये है कि, महाकुंभ में भीड़ का दबाव अचानक इस कदर बढ़ गया कि शासन-प्रशासन को भी इस बात को अंदाजा नहीं था कि, मौनी अमावस्या के एक दिन पहले ही भक्तों की तादात इस कदर बढ़ जाएगा कि इस प्रकार की घटना घट सकती है. जहां 17 लोगों की भीड़ में दबकर मौत हो गई, वहीं मरने वालों की संख्या कहीं अधिक बताई जा रही है, ये घटना मानों मौनी अमावस्या पर आस्था की डुबकी लगाने आये श्रद्धालुओं के लिए कुंभ की संगम नगरी में मंगलवार की रात अमंगल बन गई. हालांकि, संगम नगरी में श्रद्धालुओं की भगदड़ को देखते हुए शासन-प्रशासन ने अलर्ट होते हए फौरन कुंभ में सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया, जहां राहत और बचाव कार्य में पूरा प्रशासन जुटा हुआ है।
आपको बता दें, महाकुंभ में कई श्रद्धालुओं की मौत होना कोई मामूली सी बात नहीं है, बल्कि, ये घटना मेले की अव्यवस्था और उत्तरप्रदेश सरकार की नाकामियों को साफ-साफ उजागर कर रही है। जिसके चलते यूपी सरकार पर अब उंगलियां भी उठनी शुरू हो गई है. इससे भी बड़ी बात तो ये है कि, 13 जनवरी शुरू महाकुंभ में अभी तक किसी प्रकार की कोई घटना नहीं घटी, मगर आज मौनी अमावस्या के दिन इस दुख भरी घटना ने आखिरकार जनता को योगी सरकार को ताने-बाने मारने एक बड़ा मौका दे ही दिया, जहां नाराज हुई इस आम जनता के साथ-साथ राजनीतिक पार्टियों को यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार को खरी-खोटी सुनाने में तनिक भी देर नहीं लगा.
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यहां तक की अब भाजपा पर निशाना साधते हुए विपक्षी पार्टियां सीएम योगी पर आरोप लगाते हुए ये तक कहने लगी है कि, योगी सरकार ने सारा पैसा सिर्फ अपनी ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर खर्च किया ना की महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं की सुरक्षा-व्यवस्थाओं पर, जिसके चलते आज संगम में आये न जाने कितने परिवारों का घर उजड़ गया. संगम की तट पर जहां हर-हर गंगे का नारा लगने के बजाय आज वहां लोगों की चीख-पुकार सुनने को मिल रही है. जो देख हर किसी का दिल सहम उठा है.
वहीं विपक्षियों ने यूपी सरकार को घेरते हुए कहा कि, हम लगातार ऐसी ही घटना के प्रति सचेत करने की कोशिश कर रहे थे, उसके बावजूद भी शासन -प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंगा। क्योंकि भाजपा सरकार कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं पर ध्यान नहीं, बल्कि अपनी वाहवाही लूटने के लिए दिखावटी कुंभ व्यवस्थाओं पर था. जिससे मासूम जनता परें थी, आज योगी सरकार की लापरवाही के चलते ही महाकुंभ नगरी में लोगों को अपनी जान गवांना पड़ गया. वहीं इस घटना पर दुख जताते हुए विपक्षी पार्टियों ने कहा कि, सरकार से यह आग्रह करते हैं कि मृतकों के लिए उचित मुआवजा और घायलों को मुआवजे के साथ मुफ्त इलाज का भी प्रबंध करें। इसी के साथ ही, दुर्घटना के पीड़ित परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं हैं। हम मृतकों के आत्मा की शांति और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से की अपील
वहीं महाकुंभ में हुई भगदड़ पर दुख जताते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुंभ मेला क्षेत्र में मौजूद आला अधिकारियों से घटना की अपडेट लेने में जुटे हुए हैं। इसी के साथ ही सीएम योगी ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि, वे जिस घाट के पास हैं वहीं स्नान करें और संगम नोज की ओर जाने से बचें। इतना ही नहीं सीएम योगी ने जनता से हाथ जोड़कर प्रशासन के इन निर्देशों का पालन करने को कहा है। अब देखना ये होगा कि महाकुंभ की ये घटना योगी सरकार पर कितना भारी पड़ती है.