Ph.D स्टूडेंट स्नेहा रात को लगाती हैं पराठे की दुकान
अगर आप इस भागदौड़ भरी दुनिया में लोगों की इस भीड़ से आगे निकलकर कुछ करना चाहते हैं तो आपको उन चीजों से आगे निकलकर सोचना और करना होगा जो सभी लोग करते हैं। कहते हैं कुछ लोगों को कुछ चीजें विरासत में मिल जाती हैं तो कुछ को किस्मत से, लेकिन दुनिया में ऐसे लोग भी हैं जो अपनी मेहनत के दम पर बुलंदियों पर पहुंच कर सफलता की इबारत लिखते हैं।
ऐसे लोग जब सफलता के शिखर पर पहुंचते हैं तो उन्हें अपनी कामयाबी पर घमंड नहीं होता है और दूसरों को कभी छोटा नहीं समझते हैं। क्योंकि वो भी उन्हीं रास्तों से गुजर कर वहां तक पहुंची हैं जहां आज ये सब हैं। फिलहाल आपको बताते हैं एक ऐसी शख्सियत के बारे में जो इस बात का जीता जागता उदाहरण है कि जहां चाह वहां राह है।
हम बात कर रहे हैं स्नेहा लिंबगाओमकर की जो अपने पति के साथ रहती हैं। स्नेहा की शादी हो जाने के बाद भी पढ़ाई नहीं छोड़ी और पढ़ाई जारी रखी। आज स्नेहा पीएचडी कर रही हैं। लेकिन जो बात हम बताने जा रहे हैं वो ये है कि स्नेहा पीएचडी करने के साथ ही नोएडा में अपने पति के साथ पराठे की दुकान लगाती हैं।
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क्योंकि घर चलाने के लिए पैसे की जरुरत होती है। स्नेहा रात को अपने पति के साथ पराठे बेंचती हैं और दिन में थीसिस लिखती हैं। पत्नी को कुछ बनाने के लिए स्नेहा के पति ने अपनी नौकरी छोड़ दी और स्नेहा को साइंटिस्ट बनाने में लगे हुए हैं।
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इस कपल की शादी को 6 साल हो चुके हैं और दोनों ने एक-दूसरे के लिए काफी चीजें छोड़ी हैं। दोनों एक कमरे के किराए के घर में रहते हैं। स्नेहा अब यूनिवर्सिटी के बाद सीधे पति को सपोर्ट करने पहुचंती है। दोनों मिलकर परांठे, ऑमलेट और डोसा बेचते हैं।
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