किसानों के दिल्ली कूच से अंबाला में सुरक्षा टाइट , इंटरनेट सेवाएं 9 दिसंबर तक बंद

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पंजाब और हरियाणा से किसान दिल्ली कूच करने के लिए भारी संख्या में पैदल मार्च पर निकल पड़े हैं. शंभू बॉर्डर के आसपास किसानों का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है, जिसके मद्देनजर अंबाला जिले में शंभू बार्डर के आस-पास कई इलाकों में इंटरनेट सेवा को 9 दिसंबर तक बंद कर दिया गया है. अंबाला के डंगदेहरी, लोहगढ़, मानकपुर, डडियाना, बारी घेल, लहर्स, कालू माजरा, देवी नगर, सद्दोपुर, सुल्तानपुर और काकरू में इंटरनेट बंद रहेगा. यह आदेश राज्य सरकार ने जारी किया है.

एमएसपी की गारंटी के लिए प्रदर्शन

न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी समेत कई अन्य मांगों को लेकर किसान केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए यह मार्च कर रहे हैं. इसके मद्देनजर हरियाणा राज्य की सीमा पर भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. अंबाला जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत एक आदेश जारी किया है, जिसके तहत पांच या अधिक लोगों की किसी भी गैरकानूनी सभा पर रोक है.

सरकारी और निजी स्कूल भी किए गए बंद

अंबाला के जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश कुमार ने बताया कि शुक्रवार को सरकारी और निजी स्कूल बंद रहेंगे. राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर शंभू बॉर्डर से लेकर राजपुरा (पंजाब) और अंबाला (हरियाणा) तक बहुस्तरीय अवरोधक लगाए गए हैं. शंभू बॉर्डर पर पानी की बौछार करने की भी व्यवस्था की गई है. किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने 101 किसानों को ‘मरजीवड़ा’ (जो किसी उद्देश्य के लिए जान देने को तैयार हो) कहा और बताया कि मार्च शांतिपूर्ण तरीके से निकाला जाएगा. उन्होंने हरियाणा राज्य प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा कि किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली के बिना ही मार्च में हिस्सा लेंगे.

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जानें किसानों की क्या है मांग ?

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान अपने समर्थन में पैदल मार्च कर रहे हैं. उनकी प्रमुख मांगों में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन और बिजली दरों में वृद्धि नहीं करने की मांग शामिल है. इसके अलावा वे 2021 में लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 में पिछले आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं. पंजाब और हरियाणा के किसान 13 फरवरी से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं, जब से सुरक्षा बलों ने दिल्ली की ओर मार्च करने से उन्हें रोका था. इस बीच एसकेएम नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने खनौरी बॉर्डर पर अपना आमरण अनशन जारी रखा है.

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