Personality Development: ना कहें खुश रहें, फायदेमंद साबित हो सकता है किसी को मना करना

0

अक्सर कई लोगों के जीवन में ऐसा होता है कि वह काम करने के लिए किसी को माना नहीं कर पाते हैं जिसका उनको अक्सर नुक्सान होता है चाहे निजी जीवन हो या फिर व्यावसायिक, ना कहना जरूरी है. आपने देखा होगा अक्सर ऑफिस में हर समय हां कहने वाले व्यक्ति को ही हर समय काम मिलता रहता है. ना नहीं कह पाना व्यक्ति की पर्सनालिटी का हिस्सा बन जाता है. फिर एक समय आता है जब सब यही सोचने लगते है कि जिसने कभी नहीं कहा वो शायद अब भी नहीं कहेगा. आपको बता दें कि ना नहीं कहने की और भी कई नुक्सान है. जिसे ध्यान में रखकर ना कहने की आदत डालने में ही भलाई होती है.

जानें क्यों जरूरी है ‘ना’ कहना…

हर बात पर हां कहते रहने से काम का बोझ बढ़ जाता है जिससे तनाव भी बढ़ने लगता है. कई बार यह तनाव इतना बढ़ जाता है कि स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें भी होने लगती हैं.

लोगों की अपेक्षाएं बढ़ जाती हैं…

अपने देखा होगा जब ऑफिस में किसी भी काम के लिए मना नहीं करते और हर बार ही हां कह देते हैं तो लोगों की अपेक्षाएं आप से बढ़ जाती हैं. चाहे आपके बॉस हों या कुलीग,उन्हें लगने लगता है कि चाहे कुछ हो या ना हो लेकिन आप ना नहीं कहेंगे. इससे वे अपनी अपेक्षाएं बढ़ा लेते हैं और जब कभी आप ना कहने की कोशिश करते हैं तो उन्हें यह बात पचाने में दिक्कत होती है.

अपने फायदे के बिना करना पड़ता है काम…

ऐसे बहुत से काम हैं जिन्हें करने पर आपका कोई फायदा नहीं होता है, फिर भी ना नहीं कह पाने के चलते आपको इन कामों को भी करना पड़ता है. कई बार जितनी आपकी सैलरी नहीं है उससे कही ज्यादा आपसे काम लिया जाने लगता है.

कैसे समझें कि ना कहने की है जरूरत…    

-सबको खुश करने या अपनी रेप्यूटेशन को अच्छा बनाए रखने के लिए काम की जगह पर लोग ना नहीं कह पाते हैं. लेकिन, कब ना कहने की जरूरत है यह समझना जरूरी है. अगर आपको ना नहीं कह पाने पर जरूरत से ज्यादा काम करना पड़ रहा हो और यह काम आपकी क्षमता से ज्यादा हो और आपको थकान लगे तो समझ जाएं कि आपको ना कह देना चाहिए.

-जब मन मारकर आपको कोई काम करना पड़ रहा हो तो भी आपको ना कहने की जरूरत होती है.

-ना कहने का मन हो लेकिन आप सामने वाले व्यक्ति की खुशी के लिए हां कह रहे हैं या बॉस को खुश करने के लिए अपना खुदका बोझ बढ़ा रहे हैं तो समझ जाएं कि आपको ना कहने की जरूरत है. आपको खुद को मजबूत कर ना कहना शुरू कर देना चाहिए.

-अगर आपको हर काम के लिए हां कहने के बाद एंजाइटी होने लगे तो यह भी एक संकेत है कि आपको ना कहना शुरू कर देना चाहिए.

Also Read: सर्दी में क्यों होती है बारिश? आसमान से बरसने वाले ‘ओलों’ का मौसम पर क्या पड़ता है असर

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More