वाराणसी में संत रविदास जयंती पर गुरु चरणों की रज पाने के लिए देश-विदेश से रैदासी भक्तो आएंगे. इस बार गुरु के धाम यानी सीरगोवर्धन में मत्था टेकने करीब 20 लाख अनुयायी आएंगे. जयंती के दिन तीन लाख से अधिक श्रद्धालु गुरु बंदगी करने पहुंचेंगे. राजनीतिक दलों के नेता और एक हजार से अधिक एनआरआई भी दर्शन-पूजन करेंगे.
मंदिर प्रशासन की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई मंत्रियों को आमंत्रित किया जा रहा है. वहीं, उनकी जन्मस्थली पर रैदासियों के ठहरने, भंडारे आदि की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. संत रविदास की जयंती 12 फरवरी को है. इसे लेकर उनकी जन्मस्थली सजने-संवरने लगी है. ठहरने के लिए जर्मन हैंगर सहित करीब 100 टेंट बन रहे हैं.
एक फरवरी से जुटने लगेंगे अनुयायी
एक फरवरी से अनुयायियों की भीड़ बढ़ने लगेगी. श्रीगुरु रविदास जन्म स्थान पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी केएल सरोवा ने बताया कि इस बार 18 से 20 लाख अनुयायी आएंगे. जयंती के दिन ढाई से तीन लाख मत्था टेकेंगे. जबकि एक हजार से अधिक विदेशों में रहने वाले एनआरआई भी आएंगे.
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वीआईपी के ठहरने की भी व्यवस्था
मंदिर के मैनेजर हरपाल ने बताया कि यहां पर आम से लेकर खास तक के ठहरने और लंगर की व्यवस्था की जा रही है. बताया कि 70 फीसदी टेंट का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. जर्मन हैंगर टेंट का भी निर्माण शुरू हो गया है. वहीं, पंजाब से दो ट्रक चावल और गेहूं आ चुका है. एक ट्रक और खाद्यान्न इसी सप्ताह आ जाएगा.
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इन देशों व प्रदेशों के आएंगे अनुयायी
अमेरिका, लंदन, ऑस्ट्रेलिया, दुबई, कनाडा, फ्रांस, थाईलैंड आदि देशों के अलावा पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश, उतराखंड, मध्यप्रदेश आदि राज्यों से अनुयायी आएंगे. केएल सरोबा ने बताया कि पंजाब से बेगमपुरा एक्सप्रेस से एक फरवरी को पहला जत्था आएगा. 10 फरवरी को श्रीगुरु रविदास जन्म स्थान पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन संत निरंजन दास महाराज आएंगे. उनके साथ दो हजार से अधिक अनुयायी आएंगे.