Punjab Politics: देश के 4 राज्यों की 5 विधानसभा सीटों पर बीते 19 जून को हुए उपचुनाव के नतीजे आज 23 जून को सामने आ चुके हैं. जहां आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी गोपाल इटालिया ने गुजरात की विसावदर सीट पर बीजेपी को पछाड़ते हुए एक बड़ी जीत दर्ज की है. इटालिया ने बीजेपी के उम्मीदवार को करीब 17,554 वोटों से हराते हुए कुल 75,942 वोट अपने नाम कर लिए हैं. उपचुनाव में आम आदमी पार्टी का अच्छा प्रदर्शन देख पार्टी नेता और कार्यकर्ता बेहद उत्साहित हैं. वहीं पंजाब की लुधियाना पश्चिमी सीट से संजीव अरोड़ा ने जीत का परचम लहराया है. इसके बाद से पंजाब कैबिनेट में एक बड़ा फेरबदल होने की संभावना तेज हो गई है.
संजीब अरोड़ा से किया वादा क्या पार्टी करेगी पूरा
दरअसल, पंजाब की लुधियाना पश्चिमी सीट पर चुनावी प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल ने संजीव अरोड़ा को जीतने के बाद मंत्री बनाने का वादा किया था. हालांकि, केजरीवाल तो उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में थे, लेकिन सीएम भगवंत मान इसके लिए बिलकुल भी राजी नहीं थे. बताया जा रहा है कि कैबिनेट में दो पद खाली हैं, ऐसे में माझा क्षेत्र से भी एक नए मंत्री की एंट्री हो सकती है. इसके अलावा कुछ मौजूदा मंत्रियों के विभाग बदल सकते हैं या फिर उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है. खास बात तो ये है कि अरोड़ा के विधायक बनने से राज्यसभा में एक सीट खाली हो जाएगी. इस खाली सीट पर कब्जा करने के लिए केजरीवाल, सिसोदिया या फिर सत्येंद्र जैन में से कोई एक नेता के जाने की उम्मीद है.
टेंशन में संजीव अरोड़ा
बता दे कि पंजाब की जालंधर पश्चिमी सीट पर भी आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवार मोहिंदर भगत की जीत पर उन्हें मंत्री बनाने का वादा किया था और उसे निभाया भी. वहीं पार्टी ने अपने वादे को पूरा किया भी तो कुछ इस तरह से कि उन्हें कोई अहम विभाग न देकर केवल मंत्री पद ही सौप दिया. इसी बात को लेकर संजीव अरोड़ा ये सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि कही उनके साथ भी ये पार्टी कुछ ऐसा ही न करें जो मोहिंदर भगत के साथ किया गया.
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दूसरी ओर इस अटकलों पर पार्टी सूत्रों का कहना है कि एक मंत्री पद माझा क्षेत्र से भी दिया जा सकता है. अमृतसर जिले से पहले डॉ. इन्द्रबीर सिंह निज्जर को मंत्री बनाया गया था और उन्हें स्थानीय निकाय महकमे की जिम्मेदारी दी गई, लेकिन कुछ दिक्कतों के चलते उन्हें उनके पद से हटा दिया गया. वहीं देखना अब ये होगा कि आप पार्टी संजीव अरोड़ा से किए अपने वादे को पूरा करती है या फिर नहीं.