15 साल की उम्र और जज्बा सैनिक का… खुद की कुर्बानी देकर बचाई तीन बच्चों की जिंदगी

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अमित राज के पिता भूषण कुमार को अपने बेटे पर गर्व है। अमित राज जो सैनिक का स्कूल का छात्र था, उसने एक सैनिक की तरह वीरता का परिचय देते हुए अपनी जान पर खेलकर 3 बच्चों की जिंदगी बचाई।

मूल रूप से बिहार के नालंदा के रहने वाले अमित राज सैनिक स्कूल, पुरुलिया में 10वीं की पढ़ाई कर रहे थे। 7 दिसंबर को जब अमित अपने घर पर थे, तो पड़ोस में भीषण आग लग गई। पता चला कि घर के अंदर आग की लपटों में 3 बच्चे फंस गए हैं।

Fire-Main

ये सुनकर कैडेट अमित राज से रहा नहीं गया और वे फौरन बच्चों को बचाने के इरादे से घर में दाखिल हो गए। हालांकि, अमित ने तीनों बच्चों को तो बचा लिया लेकिन खुद आग से बुरी तरह झुलस गए।

करीब 85 फीसदी जलने के बाद अमित को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन अमित वहां जिंदगी से जंग हार गए और 13 दिसंबर को अंतिम सांस ली। अमित राज के माता-पिता जहां बेटे के मौत से दुखी हैं। वहीं दूसरी ओर उन्हें इस बात पर गर्व भी है।

Amit-Raj-Family

भूषण कुमार का कहना है कि उनके बेटे को सरकार वीरता पुरस्कार से नवाजा जाएं। बता दें कि अमित के परिवार की आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं है। उसके पिता भूषण कुमार मुंबई में 5000 रुपये के मासिक पर नौकरी करते हैं।

पिता ने बताया कि अमित नौसेना अधिकारी बनना चाहता था, लेकिन वे सभी सपने चकनाचूर हो गए। हमने पटना में उनके इलाज पर 2.5 लाख रुपये खर्च किए। हालांकि, दिल्ली में उनके इलाज का खर्च पूरी तरह से स्कूल प्रबंधन और उनके सहपाठियों द्वारा वहन किया गया था।

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