Milkipur Election: उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर विधानसभा सीट के लिए आज उपचुनाव का मतदान शुरू हो चुका है. जहां सुबह 7 बजे से सुरक्षा-व्यवस्थाओं के बीच वोट डालने की प्रक्रिया चल रही है. गजब की बात तो ये है कि मिल्कीपुर की जनता अपने हक का वोट डालने के लिए इतनी उत्साहित है कि वो लंबी-लंबी लाइनों में लगकर घंटों अपनी बारी का इंतजार कर रही है.मिल्कीपुर का चुनाव काफी अहम माना जा रहा है. क्योंकि इस चुनाव में भाजपा और सपा के बीच कांटे की टक्कर है. जहां सपा के अजीत प्रसाद और बीजेपी के चंद्रभानु पासवान के बीच जबरदस्त मुकाबला माना जा रहा है. यहीं कारण है कि ये चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है.
मिल्कीपुर में हो रही मतदान में हेराफेरी
हैरानी की बात तो ये है कि मिल्कीपुर में जारी मतदान के बीच समाजवादी पार्ट के अजीत प्रसाद ने एक बड़ा बयान देकर हर किसी को हैरान कर दिया है. जी हां, पार्टी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा, कि मिल्कीपुर विधानसभा के बूथ संख्या 185(एक सौ पचासी) पर फर्जी मतदान की सूचना है, तो बूथ संख्या 409 (चार सौ नौ) पर चुनाव ड्यूटी पर तैनात कर्मी भाजपा के पक्ष में जबरन मतदान करवा रहे है. जिसको लेकर सपा ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा और कहा कि, बीजेपी हर चुनाव में ऐसे फर्जी कामों का सराहा लेती है. जिससे नाराज सपा ने चुनाव आयोग से निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने की मांग की है।
वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर चुनाव को गंभीरता से लेते एक्स अकाउंट पर लिखा, कि ”चुनाव आयोग तुरंत इस समाचार से जुड़ी तस्वीरों का संज्ञान ले कि अयोध्या की पुलिस मिल्कीपुर में मतदाताओं के आईडी कार्ड चेक कर रही है, जिसमें पुलिस के बड़े अधिकारी भी शामिल हैं। ये अप्रत्यक्ष रूप से मतदाताओं में भय उत्पन्न करके मतदान को प्रभावित करने का लोकतांत्रिक अपराध है। ऐसे लोगों को तुंरत हटाया जाए और दंडात्मक कार्रवाई की जाए।”
अखिलेश ने भाजपा की उड़ाई खिल्ली
मिल्कीपुर चुनाव में हो रही हेराफेरी के रवैये से नाराज हुए अखिलेश यादव ने भाजपा को ताने मारते हुए कहा कि, मतदाताओं को बहला-फुसलाकर सपा का वोट अपने पाले में करना भाजपा को बड़ी ही अच्छी तरीके से आता है.इसी काली करतूतों का नतीजा था कि अयोध्या में भाजपा कई मतों से हार गई थी, जिसके बाद भी अपनी इन आदतों से बाज नहीं आती है. इसी के आगे उन्होंने ये भी कहा कि, भाजपा ऐसी हरकते इसलिए करती है क्योंकि उसे खुद पता है कि उसके वोटर कम है. जिसके चलते उसे हार ही मिलेगी. जिसका नतीजा 8 फरवरी को आने वाले चुनावी रिजल्ट में देखने को मिलेगा.