ई-रुपये पर जल्द पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च करेगा RBI, जानिए इसके फायदे

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जल्द डिजिटल रुपया यानि कि ई- रुपया का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च करने जा रहा है. पिछले कई महीनों से सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) की टेस्टिंग चल रही है. शुक्रवार (7 अक्टूबर) को आरबीआई ने ई-रुपया पर एक 51 पन्नों का एक कॉन्सेप्ट नोट जारी किया है. ऐसे में पूरी सुरक्षा और जवाबदेही के लिए पूर्णतया आरबीआई जिम्मेदार होगी, जिसका सीधा फायदा ग्राहकों को मिलेगा. जबकि, दूसरी डिजिटल करेंसी या वर्चुअल करेंसी में पेमेंट के फंसने पर ग्राहकों को बेहद परेशानी होती है.

ऐसा माना जा रहा है कि केंद्रीय बैंक के डिजिटल रुपये में रुपये के चिन्ह (₹) का इस्तेमाल किया जाएगा. यह पूरी तरह से सरकारी तंत्र पर निर्भर होगा. इस बारे में सेंट्रल बैंक का कहना है कि वह जल्द ही ई-रुपये पर पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च करने वाला है. यह पायलट प्रोजेक्ट इस डिजिटल रुपये के कुछ खास इस्तेमाल के लिए शुरू होगा.

Reserve Bank of India Digital Cash
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आरबीआई ने कही ये बात…

आरबीआई के चीफ जनरल मैनेजर योगेश दयाल की ओर से जारी किए कॉन्सेप्ट नोट में बताया गया है कि ऐसे पायलट प्रोजेक्ट का स्कोप जैसे-जैसे बढ़ेगा, आरबीआई डिजिटल रुपये के स्पेसिफिक फीचर्स और बेनेफिट्स को लेकर जानकारी देता रहेगा. इस कंसेप्ट नोट में डिजिटल मुद्रा की तकनीक और डिजाइन विकल्प, डिजिटल रुपये के संभावित उपयोग, और डिजिटल मुद्रा को जारी करने की व्यवस्था जैसे प्रमुख मुद्दों पर भी चर्चा की गई है.

जानें इसके फायदे…

आपको पता होगा कि डिजिटल करेंसी से कैश रखने की जरूरत नहीं होगी. ये आपके पास मोबाइल वॉलेट की तरह ही काम करेगी. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि इसे रखने पर आपको ब्याज मिलेगा. डिजिटल करेंसी को आप अपने मोबाइल के वॉलेट में रख सकते हैं या फिर अपने अकाउंट में रख सकते हैं. डिजिटल करेंसी के सर्कुलेशन की गोपनीयता रखी जाएगी. इसके सर्कुलेशन पर आरबीआई का कंट्रोल होगा.

क्या होता है डिजिटल कैश…

डिजिटल कैश एक प्रकार का सिस्टम है, जिसमें कोई भी व्यक्ति सुरक्षित रूप से वस्तुओं या सेवाओं का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक रूप से कर सकता है और इसमें ट्रांजेक्शन के लिए बैंक को इन्वॉल्व होने की जरूरत नहीं पड़ती. डिजिटल कैश को ई-कैश, ई-करेंसी, या साइबर करेंसी भी कहते हैं. डिजिटल कैश, रियल कैश की तरह ही कार्य करता है, परन्तु ये पेपर मनी नहीं होता है. आपके बैंक में मौजूद मनी को डिजिटल कोड में बदल दिया जाता है. इसके बाद इस डिजिटल कोड को एक माइक्रोचिप, एक स्मार्ट कार्ड या आपके कंप्यूटर की हार्ड ड्राइव पर स्टोर किया जा सकता है.

डिजिटल कैश की प्राइवेसी बहुत ही अच्छी होती है, यही कारण है कि यह बहुत लोकप्रिय हो रहा है. इसके ट्रांजेक्शन में हर कोई शामिल होता है. बैंक से यूजर तक, यूजर से विक्रेता तक, सभी इस ट्रांजेक्शन पर सहमत होते है और इस तरह एक्सचेंज का नया तरीका बनता है.

ग्राहकों को करेंसी पर ब्याज मिलने पर चर्चा…

आरबीआई द्वारा जारी कॉन्सेप्ट पेपर के मुताबिक, सीबीडीसी पर ग्राहकों को ब्याज मिलेगा या नहीं मिलेगा. इस पर आरबीआई चर्चा कर रहा है. यह जरूर है कि केंद्रीय बैंक कुछ फायदों के साथ इस मुद्रा को लॉन्च करने पर विचार कर रहा है. लेकिन, इसकी कीमत मौजूदा भारतीय मुद्रा के समान होगी और डिजिटल रुपये को नकदी में बदला जा सकेगा. इसे मौजूदा यूपीआई आधारित पेमेंट सिस्टम से जोड़ा जाएगा. ग्राहकों का डिजिटल रुपया हैक होने की स्थिति में रीकॉल फीचर और रिकवरी का फीचर भी मिलेगा. इसके साथ ही शिकायतों के निपटारे के लिए मजबूत व्यवस्था बनेगी. आरबीआई के मुताबिक, फुटकर और थोक के लिए अलग-अलग सीबीडीसी लाई जाएगी.

सीबीडीसी लाने की वजहें…

सीबीडीसी लाने के पीछे कई बड़ी वजह हैं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण मनी लॉन्डरिंग यानी हवाला पर शिकंजा कसना है. क्योंकि क्रिप्टो करेंसी हवाला कारोबार करने और काला जमा करने का जरिया बन गया है. इसके साथ ही हर वर्चुअल करेंसी, जो ऐप और अन्य माध्यम से भारत में चल रही हैं, इससे उनकी निगरानी आसान होगी. दूसरी वजह रुपया छापने या सिक्का ढालने के प्रबंधन में कमी आएगी. जैसे कि वित्त वर्ष 2022-23 में नोट छापने पर 50 हजार के करीब खर्च का आकलन है. डिजिटल रुपया आने पर वैध भारतीय मुद्रा की छपाई में कमी लाई जाएगी और जाहिर है कि इससे खर्च में कमी आएगी. तीसरी वजह दूसरे देशों को पैसे भेजने के शुल्क में 2 फीसदी तक की कमी आएगी, जो मौजूदा समय 7 फीसदी से अधिक भुगतना पड़ता है.

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बैंक अकाउंट की जरूरत नहीं…

डिजिटल रुपये में कई ऐसे फीचर होंगे, जिनसे ग्राहकों को फायदा होगा. जैसे मौजूदा समय क्रेडिट कार्ड पर ई-कॉमर्स कंपनियां खरीद पर छूट की स्कीम देती हैं, वैसे ही डिजिटल रुपये पर मिलेगी. इसके इस्तेमाल के लिए किसी बैंक खाते की जरूरत नहीं होगी. विभिन्न स्तरों पर निवेश के लिए इसको इस्तेमाल में लाया जा सकेगा, जिसमें सरकार द्वारा डिजिटल रुपये के निवेश करने पर फायदे या छूट मुहैया होगी. इसके अलावा सेटलमेंट यानी किसी मामले में दो पक्षकार के बीच लेनदेन आसान होगा. यही नहीं, ग्राहकों के लिए इस्तेमाल में सहूलियत होगी. कॉन्सेप्ट नोट के मुताबिक, डिजिटल रुपया रखने की एक निर्धारित सीमा होगी. हालांकि, यह मुमकिन है कि सीबीडीसी रखने के लिए बैंक खाता रखने की जरूरत नहीं होगी.

चीन और दक्षिण कोरिया समेत 14 देश डिजिटल मुद्रा पेश करने की तैयारी में हैं. जबकि, 60 देशों की दिलचस्पी स्वदेशी मुद्रा के हिसाब से डिजिटल रुपया लॉन्च करना है. यही नहीं, 9 देश डिजिटल मुद्रा लॉन्च कर चुके हैं. बहामास ने 2020 में सबसे पहला सीबीडीसी लॉन्च किया था.

वित्‍तमंत्री कर चुकी हैं घोषणा…

बता दें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2022 को बजट पेश करते हुए आने वाले वित्त वर्ष में आरबीआई द्वारा डिजिटल करेंसी या सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी जारी करने की घोषणा की थी. निर्मला सीतारमण ने कहा था कि डिजिटल रुपया लाने का फैसला भारतीय रिजर्व बैंक की सलाह से सोच-समझकर लिया गया है. आरबीआई के डिजिटल करेंसी को कानूनी मान्यता हासिल होगी. पॉयलेट प्रोजेक्ट के लिए देश के 4 सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा को शामिल किया है.

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