दिल्ली और यूपी में हो रही जोरदार बारिश की क्या है वजह?..
कई जिलों में भारी बारिश को रही
देश के कई हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है. खासकर दिल्ली- NCR और उत्तर प्रदेश में. बादल कहीं रिमझिम तो कहीं झूम के बरस रहे हैं. मानसून के अब जाने का समय करीब आ रहा है. आइए इसे जानते है। कि बादल इतना क्यों बरस रहे हैं और इसके पीछे का क्या कारण है?.
पहले यह जान लीजिए कि कहां कितनी बारिश हो रही है. दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश को रही है. इसके चलते दिल्ली में ट्रैफिक पुलिस को एडवाइजरी जारी करनी पड़ गई. वहीं बारिश के कारण उत्तर प्रदेश के कई जिलों में आज स्कूल बंद करने पड़े हैं.
क्यों बरस रहे इतना बदरा…
बता दें कि दिल्ली में भारी बारिश के चलते मौसम विभाग ( IMD) ने येलो अलर्ट जारी किया है. वहीं दूसरी तरफ जारी बुलेटिन में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाके में अलग- अलग जगह पर भारी बारिश हो सकती है. हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश हो सकती है. हरियाणा को छोड़कर उत्तर- पश्चिम भारत में अलग-अलग स्थानों पर मौसम का मिजाज बदल सकता है.
‘डिप्रेशन‘ के रहते हो रही बारिश…
ऐसा माना जा रहा है कि, सितम्बर के महीने में हो रही इतनी बारिश उत्तर- पश्चिमी मध्य प्रदेश और उससे सटे दक्षिण- पश्चिम उत्तर प्रदेश पर जारी ‘डिप्रेशन‘ के कराण हो सकती है. इसका असर दिल्ली पर भी है. लेकिन कहा जा रहा है कि इसका असर आज शाम से कम हो सकता है. डिप्रेशन शब्द का प्रयोग मौसम के मामले में होता है.
क्या यागी तूफ़ान का है असर…
बता दें कि, वियतनाम में यागी तूफ़ान ने भारी तबाही मचाई है. इस तूफ़ान से अब तक 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. कहा जा रहा है कि इस तूफ़ान का असर दिल्ली तक हुआ है लेकिन इसकी जानकारी स्पष्ट नहीं है, बल्कि यह एक महज अंदाजा है.
इन प्रदेशों में बारिश से भारी तबाही…
बता दें कि सितम्बर में अब तक भारी बारिश के चलते कई राज्य प्रभावित है. चाहे वह उतर प्रदेश हो या राजस्थान. भारी बारिश के चलते जहां उत्तर प्रदेश में कई नदियां उफान पर हैं तो वहीं, राजस्थान में भारी बारिश के चलते कई बांध भर चुके हैं. सरकार ने दोनों ही राज्यों में लोगो से सावधानी बरतने की सलाह के साथ अलर्ट जारी किया है.
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क्या है ‘डिप्रेशन‘ और कब बन जाता है तूफान…
पिछले कुछ दिनों में आपने एक शब्द जरुर सुना होगा, डिप्रेशन- इसके चलते भारी बारिश की संभावना भी जताई जा रही है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर ये होता क्या है. चलिए आज हम जानते हैं. आपको बता दें कि अब मौसम की भाषा में भी डिप्रेशन शब्द का इस्तेमान होने लगा है. इस शब्द का प्रयोग साइक्लोन, टाइफून, चक्रवात, बवंडर मापने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इतना ही नहीं भारतीय मौसम विभाग हवा की गति के पैमाने के आधार पर चक्रवातों का वर्गीकरण करता है. जब हवा की गति 31-50 किमी/घंटा के आसपास होती है, तो इसे डिप्रेशन कहा जाता है. जबकि, हवा की गति 51-62 किमी/घंटा के बीच हो,तो इसे डीप डिप्रेशन कहा जाता है. इस गति के बाद डिप्रेशन ‘तूफान‘ बन जाता है.