Railway Claim Scam: पटना से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. रेलवे क्लेम घोटाला मामले में पटना, नालंदा औऱ मंगलुरु समेत चार स्थानों पर छापेमारी की गई . इस छापेमारी की कार्रवाई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने तीन वकीलों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इस गिरफ्तारी की जानकारी पाकर अधिवक्ताओं में हड़कंप मच गया है. बता दें कि ये कार्रवाई विवादों के घेरे में बने मनी लांड्रिंग से जुड़े मामले को लेकर हुई है. वजह साफ है ईडी द्वारा तीन वकीलों को एक साथ पकड़े जाने का मामला अब काफी चर्चाओं में बना हुआ है.
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तीन वकीलों के खिलाफ ईडी ने की बड़ी कार्रवाई
आपको बता दें कि ईडी हिरासत में लिए गए अधिवक्ता में परमानंद सिंह, विद्यानंद सिंह और विजय कुमार का नाम शामिल है. जहां ईडी द्वारा पकड़े गए इन तीन आरोपियों को न्यायालय (पीएमएलए) के समक्ष पेश करने के बाद सभी को जेल भेज दिया गया है. वहीं मनी लॉड्रिंग मामले की जांच-पड़ताल में जुटे प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि रेलवे के अज्ञात लोक सेवक विद्यानंद सिंह, परमानंद सिंह, विजय कुमार और अन्य के खिलाफ पटना की सीबीआई थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. इसके आधार पर जांच-पड़ताल करते हुए ईडी ने एक बड़ी कार्रवाई की है, जिसका नतीजा जेल के सलाखों के पीछे भेजे गए आरोपी तीन अधिवक्ता भी हैं.
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कई बड़े अधिकारियों पर टिकी ईडी की नजर
ईडी की जांच के मुताबिक, रेलवे घोटाला मामले को लेकर एक बड़ी साजिश रची गई थी, जिसमें लगभग 100 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई है. इस हेराफेरी के पीछे इन तीन आरोपी एडवोकेट का हाथ है, जिन्होंने लगभग 900 मामलों को निबटाया था. इसमें फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करते हुए रेलवे घोटाले मामले को अंजाम दिया गया था जिसके चलते रेलवे कर्मचारियों के नाम पर एक बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया है. ऐसे में अब ईडी की रडार पर कई बड़े नाम हैं, जिसको लेकर जांच-पड़ताल अभी भी जारी है.