मंदसौर पर सियासत: पीड़ितों से मिलने राहुल गांधी रवाना

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मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन से मध्यप्रदेश से लेकर दिल्ली तक की सरकार हिल गई है। यही नहीं विपक्ष अब इस मुद्दे को भुनाने में भी लग गया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी मंदसौर में मारे गए किसानों के परिजनों से मिलने के लिए दिल्ली से मंदसौर रवाना हो गए हैं। हालांकि उन्हें जिला प्रशासन  ने मंदसौर आने की अनुमति नहीं दी है। बता दें कि मध्य प्रदेश के मंदसौर में पुलिस फायरिंग में 6 किसानों की मौत के बाद लोगों का गुस्सा उबाल पर है।

वहीं, बीजेपी का कहना है कि राहुल के मंदसौर आने से हालात और बिगड़ेंगे। ऐसे में उन्हें राजनीति करने से बचना चाहिए। भाजपा और कांग्रेस के कई नेताओं ने मंदसौर जाने की कोशिश की थी, लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक दिया था।

मंदसौर में हुई गोलीबारी में छह किसानों की मौत के बाद किसानों का गुस्सा जमकर सड़कों और रेल की पटरियों पर टूटा। कई जगहों पर गाड़ियों को जला दिया गया, पथराव कर बसों के शीशे तोड़े गए और ट्रेन की पटरियों के साथ तोड़फोड़ की गई। बुधवार को मंदसौर के कलेक्टर स्वतंत्र कुमार किसानों को समझाने गए, लेकिन भीड़ से जान बचाकर उन्हें भागना पड़ा। डीएम ने अब तक सरकार की लाइन को दोहराते हुए कहा कि फायरिंग के आदेश नहीं दिए गए थे।

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर शांति की अपील की है, लेकिन शायद भोपाल से दिल्ली तक की बैठक में मालवा के किसानों के जख्मों पर मरहम नहीं लगा पाए। पूरे इलाके में सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गई है।

राज्य सरकार ने उपद्रवियों से निपटने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों की पांच और कंपनियों की मांग की, जिसके बाद केंद्र ने 1100 दंगा विरोधी पुलिस बल मंदसौर भेजे हैं। मंदसौर के अलावा नीमच, रतलाम में भी मोबाइल इंटरनेट बंद है। इस बीच बुधवार शाम पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा की।

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