US birthright citizenship: डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बन चुके हैं. ट्रंप ने अपनी पत्नी मेलानिया ट्रंप और बाकी सदस्यों की मौजूदगी में अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लिया. राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप को भारत से लेकर कई दिग्गजों ने बधाईयां दी. दूसरी बार अमेरिका का कार्यभार संभालते ही डोनाल्ड ट्रंप ने कई बड़े फैसले किए हैं.
दूसरी ओर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इमिग्रशन पॉलिसी के फैसले से भारत काफी हैरान है. जी हां, ट्रंप के इस फैसले में इमिग्रेशन पॉलिसी और अमेरिका फर्स्ट की नीतियां कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिनसे ट्रंप का दूसरा कार्यकाल भारत के लिए बेस्वाद या फिर तनावपूर्ण साबित हो सकता है. जैसे कि, इमिग्रेशन पर नकेल कसने के लिए ट्रंप का ऐलान बेहद चिंताजनक है. वजह साफ है कि भारतीयों को H-1B वीजा मिलते हैं और अनुमान के अनुसार तीन लाख भारतीय छात्र अमेरिका में रहकर अपना-गुजर बसर करते हैं. ऐसे में अब 20,000 से अधिक भारतीयों पर संकट का साया मंडराने लगा हैं.
20,407 भारतीयों पर ट्रंप का फैसला बना संकट
अमेरिकी राष्ट्रपति के इमिग्रेशन पॉलिसी को देखते हुए माना जा रहा है कि अगर ट्रंप प्रशासन इमिग्रेशन पर अपना कदम बढ़ाने के लिए आगे बढ़ता है तो सबसे पहले प्रभावित होने वालों में नवंबर 2024 तक 20,407 अंडॉक्युमेंटेड भारतीय होंगे. ये भारतीय अंतिम निष्कासन आदेश का सामना कर रहे हैं या फिर वर्तमान में अमेरिकी इमिग्रेशन और सीमा शुल्क प्रवर्तन के हिरासत केंद्रों में मौजूद हैं. बता दें कि इनमें से 17,940 कागज़ रहित भारतीय हिरासत से बाहर हैं, लेकिन अंतिम निष्कासन आदेश के तहत वहां पर मौजूद हैं. इसके अलावा अन्य 2,467 भारतीय ICE के प्रवर्तन और निष्कासन संचालन के मुताबिक, हिरासत में हैं.
ट्रंप ने अमेरिका में काम कर रहे भारतीय पेशेवरों को दिया झटका
राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिका में अवैध रूप से घुसपैठियों को खारिज करते हुए एक बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि, “कल जब सूरज डूबेगा तब तक हमारे देश पर आक्रमण (invasion) रुक चुका होगा.” जो अमेरिका में काम करने वाले भारतीय आईटी पेशेवरों के लिए खतरे की एक घंटी बन चुकी है. इसी के साथ ही ट्रंप ने एच1बी वीजा नीतियों को भी सख्त करने की कोशिश की है. बता दें, एच1बी वीजा वो आधार है जिसकी वजह से भारतीय प्रोफेशनल्स को अमेरिका में काम करने का संवैधानिक आधार मिलता है, जिसके जरिए वो वहां रहकर काम करते हैं।
आपको बता दें कि ट्रम्प द्वारा अगर इस पॉलिसी को लागू किया जाता हैं तो अमेरिकी कंपनियों को सरकारी एजेंसियों से पूछताछ करनी पड़ेगी. ऐसे में लोगों के वीजा आवेदन को ज्यादा से ज्यादा संख्या में अस्वीकार करने की स्थिति देखने को मिल सकती है. जिसका सीधा असर कंपनियों पर जा पड़ेगा. ट्रंप ने एच1बी वीजा के लिए न्यूनतम वेतन सीमा को दोगुना करने का प्रस्ताव किया है. इसे अब $60,000 से $120,000 प्रति वर्ष किया जा सकता है. इसके मुताबिक, इस दायरे में भारतीयों की संख्या काफी कम हो सकती हैं.
ट्रंप ने छीनी अमेरिकी बच्चों की नागरिकता
इसी बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक और फैसला जो भारतीयों प्रवासियों के लिए मुसीबत बन बैठा है और वो है अमेरिकी नागरिकता. मतलब साफ है कि ट्रंप ने जन्म के साथ मिलने वाली नागरिकता को ही अब खत्म कर दिया है. इस पॉलिसी को खत्म करने से अब अमेरिका में पैदा होने वाले बच्चे को उसकी नागरिकता तभी मिलेगी जब उसके माता-पिता में से कोई एक अमेरिका का नागरिक होगा. इस फैसले ने वहां पर निवास कर रहे भारतीय प्रवासियों को काफी टेंशन में डाल दिया है.