पीएम मोदी का देश के नाम सन्देश, किये ये दस अहम वादे…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद पहली बार देश को संबोधित करते हुए जनता से कुछ वादे किये। ये वो वादे हैं, जिनके साथ आम जन की उम्मीद तो बड़ी हैं, एक नये कश्मीर के निर्माण की दिशा भी मिली।
ये हैं पीएम मोदी के दस वादें:
-सफाईकर्मियों को इंसाफ:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के अन्य राज्यों में सफाई कर्मचारियों के लिए सफाई कर्मचारी एक्ट लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के सफाई कर्मचारी इससे वंचित थे, अब उन्हें ये फायदा मिलेगा।
-दलितों के हित की बात:
देश के अन्य राज्यों में दलितों पर अत्याचार रोकने के लिए सख्त कानून लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसा नहीं था. अब उन्हें भी इसका फायदा मिलेगा।
अल्पसंख्यकों से ये वादा:
देश के अन्य राज्यों में अल्पसंख्यकों के हितों के संरक्षण के लिए माइनॉरिटी एक्ट लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसा नहीं था। अब यहां भी ये एक्ट लागू होगा।
मजदूरों को मिलेगी पूरी मजदूरी:
देश के अन्य राज्यों में श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए Minimum Wages Act लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ये सिर्फ कागजों पर ही मिलता था, जो कि अब मिलेगा।
ये भी पढ़ें: मोदी सरकार के लिए एक हफ्ता चुनौती भरा, जानें क्यों…?
कर्मचारी-पुलिस से फायदे का वादा:
नई व्यवस्था में केंद्र सरकार की ये प्राथमिकता रहेगी कि राज्य के कर्मचारियों को, जम्मू-कश्मीर पुलिस को, दूसरे केंद्र शासित प्रदेश के कर्मचारियों और वहां की पुलिस के बराबर सुविधाएं मिलें।
रोजगार दिलाने का वादा:
जल्द ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में केंद्रीय और राज्य के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इससे स्थानीय नौजवानों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। यहां केंद्र की पब्लिक सेक्टर यूनिट्स और प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को भी रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
करप्शन मुक्त होगा राज्य:
हमने जम्मू-कश्मीर प्रशासन में एक नई कार्यसंस्कृति लाने, पारदर्शिता लाने का प्रयास किया है इसी का नतीजा है कि IIT, IIM, एम्स, हों, तमाम इरिगेशन प्रोजेक्ट्स हो, पावर प्रोजेक्ट्स हों, या फिर एंटी करप्शन ब्यूरो, इन सबके काम में तेजी आई है।
ये भी पढ़ें: आर्टिकल 370 पर पाकिस्तान की बेबसी आई नजर, उठा रहा बेतुके कदम
शरणार्थियों को वोट का अधिकार:
जम्मू-कश्मीर में दशकों से, हजारों की संख्या में ऐसे भाई-बहन रहते हैं, जिन्हें लोकसभा के चुनाव में तो वोट डालने का अधिकार था, लेकिन वो विधानसभा और स्थानीय निकाय के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते थे। ये वो लोग हैं जो बंटवारे के बाद पाकिस्तान से भारत आए थे।
ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल का वादा:
मैं राज्य के गवर्नर से ये भी आग्रह करूंगा कि ब्लॉक डवलपमेंट काउंसिल का गठन, जो पिछले दो-तीन दशकों से लंबित है, उसे पूरा करने का काम भी जल्द से जल्द किया जाए।
युवाओं को नेतृत्व:
उन्होंने युवाओं के लिए मेरे युवा, जम्मू-कश्मीर के विकास का नेतृत्व करेंगे और उसे नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। वो तमाम क्षेत्रों में कश्मीर को रिप्रजेंट करेंगे।