पाकिस्तान ‘मौत का कुआं’ : उज्मा

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पाकिस्तान किसी मौत के कुएं से कम नहीं। वहां जाने या विवाह संबंध बनाने से पहले भारतीयों को सौ बार सोचना चाहिये। पाकिस्तान से गुरुवार को स्वदेश लाई गईं उज्मा अहमद का दावा है कि पाकिस्तान के बुनेर के रहने वाले ताहिर अली से निकाह के लिए उसे मजबूर किया गया। उसके सिर पर बंदूक रखकर उसे जान से मारने की धमकी दी गई और प्रताड़ित तथा अपमानित किया गया।

एक दिन पहले ही उज्मा को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने स्वदेश लौटने की इजाजत दी। उज्मा ने गुरुवार को वाघा सीमा के जरिए भारत में प्रवेश किया और यहां पत्रकारों से कहा, “मैं अनाथ थी। मुझे गोद लिया गया था और मेरा कोई नहीं था।”

पाकिस्तान में बिताए अपने कठिन दिनों के बारे में पत्रकारों को बताते हुए उज्मा कई बार रो पड़ीं। उसने कहा, “वहां (पाकिस्तान) जाना तो आसान है, लेकिन वापस लौटना बेहद कठिन।”

उज्मा ने बुनेर के परिवार के बारे में बताया, “वे मुझे बेच सकते थे या किसी खतरनाक काम में इस्तेमाल कर सकते थे।”

उज्मा ने कहा कि वह धोखे से विवाह कर बुनेर ले जाई गई एकमात्र महिला नहीं हैं।

उज्मा ने कहा, “बुनेर में ऐसी ढेरों लड़कियां हैं। बुनेर के अधिकांश पुरुष मलेशिया में रहते हैं और वे मलेशिया से लड़कियां फंसाते हैं। यह बहुत ही खतरनाक इलाका है। आप वहां रोज गोलियां चलने की आवाज सुन सकते हैं। हर पुरुष की दो पत्नियां हैं वहां। मैं नहीं चाहती कि हर किसी के साथ ऐसा हो।”

उसने कहा, “मैंने पाकिस्तान जाने वाली ऐसी महिलाओं को भी रोते देखा है, जिनकी शादी परिवार वाले कराते हैं।”

उज्मा ने अपनी स्वदेश वापसी के लिए भारत सरकार और खासकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का आभार व्यक्त किया। उज्मा ने कहा कि सुषमा ने उन्हें अहसास दिलाया कि ‘एक भारतीय नागरिक होने के नाते मेरी जिंदगी का भी कोई मूल्य है’।

इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में गुजारे अपने दिनों को याद करते हुए उज्मा ने कहा, “मुझे भारत का नागरिक होने पर गर्व है। सुषमा मैडम मुझे हर दिन फोन कर बताती थीं कि वे मेरे लिए लड़ रही हैं। वह कहती रहती थीं कि ‘तुम हमारी बेटी हो, तुम भारत की बेटी हो’।”

उज्मा इस्लामाबाद से भारतीय उप-उच्चायुक्त जे. पी. सिंह के साथ लाहौर पहुंचीं। उज्मा ने पाकिस्तान में 25 दिन गुजारे। वाघा सीमा के पास पाकिस्तानी सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें सीमा पार कराई।

भारतीय सीमा में घुसते ही उज्मा ने झुककर भारतीय धरती को नमन किया और चूमा।

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार को आदेश सुनाया कि उज्मा अपने देश वापस जा सकती हैं और उसकी अनुपस्थिति में ही इस मामले पर सुनवाई जारी रहेगी।

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