पाकिस्तान को तगड़ा सबक जरूरी

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पाकिस्तान एलओसी पर फायर दर फायर कर रहा है। ऐसा लगता है कि उसपर भारत की किसी भी कार्रवाई का कोई असर नहीं पड़ रहा है। वह हर रोज सीमा पर गोलीबारी कर रहा है।

शायद यही वजह है कि रक्षा मंत्री अरुण जेटली और सेना प्रमुख बिपिन रावत बुधवार को जम्मू एवं कश्मीर के दौरे पर पहुंचे। यह रक्षा मंत्री के तौर पर मनोहर पर्रिकर से अतिरिक्त प्रभार लेने के बाद जेटली का राज्य का पहला दौरा है।

इस दौरान जेटली फील्ड कमांडरों से मिलेंगे। उन्हें पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम के उल्लंघन तथा घुसपैठ जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए सेना की तैयारियों से अवगत कराया जाएगा।

पाकिस्तान  जम्मू एवं कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर मंगलवार देर रात भारत और पाकिस्तान के बीच भारी गोलीबारी हुई। इसके पहले  यहां मंगलवार शाम भारत व पाकिस्तान के सैनिकों के बीच भीषण गोलाबारी एवं गोलीबारी हुई थी। ।

राजौरी जिले में रविवार को पाकिस्तान की सेना ने गोलीबारी की, जिसके बाद भारत की ओर से भी जवाबी कार्रवाई की गई। अंधाधुंध गोलीबारी से बचने के लिए शुक्रवार से ही सीमा से सटे गांवों के कई परिवारों के लोग अपने घर छोड़ पलायन कर गए हैं।

लगातार गोलीबारी को व आतंकी घटनाओं-पत्थरबाजी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्ववाली सरकार की सबसे बड़ी असफलता मानी जा रही है। इससे ऐसा भी नहीं लगता कि केंद्र सरकार इस तरह का कोई कदम उठाने जा रही है।

जहां एक ओर पाकिस्तान सीमा पर सैनिकों के साथ बर्बरता की घटना को सिरे से नकार उल्टा भारत से सबूत देने की मांग कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ वह भारत के सामने मुश्किलें खड़ी करने वाले कई ऐसे काम सीमा पर कर रहा है। इन्हीं में से एक है पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बने 20 नए आतंकी ट्रेनिंग कैंपों का बनाया जाना।

भारतीय सेना के जवानों की तरफ से सितंबर में पीओके में घुसकर कई आतंकियों के लांचिंग पैड्स नष्ट कर दिए गए थे। उस वक्त वहां पर करीब 35 ट्रेनिंग कैंप चल रहे थे। हालांकि, कुछ नियंत्रण रेखा से दूर शिफ्ट कर दिए गए थे। लेकिन, इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के मुताबिक, सर्जिकल स्ट्राइक के करीब चार महीने बाद ही यह संख्या 55 के पार हो गई है और ये कैंप अभी भी एक्टिव है।

रिपोर्ट के मुताबिक, 15 आतंकी जम्मू कश्मीर में घुसपैठ करने में सफल भी रहे हैं जबकि 160 से ज्यादा आतंकी कश्मीर घाटी में सक्रिय हैं। जिन्हें घाटी और नियंत्रण रेखा पर घटनाओं को अंजाम देने के निर्देश पाकिस्तानी हेंडलर्स ने दिए हैं।

यह बराबर पूछा जा रहा है कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी पाकिस्तान के तेवर नरम क्यों नहीं पड़ रहे हैं तो जवाब है कि उसके खिलाफ और सख्त कदम उठाया जाना अब जरूरी है। आज यह कहा जा सकता है कि आज जो स्थिति है उससे तो यही लगता है कि दोनों देशों की स्थिति काफी जटिल है। फिलहाल इसका कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है।

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