Washington: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति की शपथ लेने के साथ ही देश ही नहीं दुनिया में भी उथल-पुथल मची हुई है. ट्रंप ने संघीय सरकार से कर्मचारियों की संख्या कम करने के लिए कवायद शुरू की है. इसके तहत उनकी ओर से कर्मचारियों को दिए गए बायआउट ऑफर को स्वीकार कर लिया है.
40 हजार कर्मचारी देंगे इस्तीफ़ा…
ट्रंप के बॉयकॉट ऑफर को स्वीकार करते हुए 40 हजार कर्मचारियों ने इस्तीफ़ा देने का फैसला किया है. बता दें कि ट्रंप प्रशासन ने संघीय कर्मचारियों को खुद नौकरी से इस्तीफ़ा देने का ऑफर दिया था. इसलिए ट्रंप ने आज यानि 6 फरवरी तक का समय दिया था. बताया जा रहा है कि कार्मिक विभाग की ओर से भेजे गए ईमेल में वर्क फ्रॉम होम करने वाले कर्मचारियों को ऑफिस लौटने के लिए कहा था. इन कर्मचारियों को हफ्ते में 5 दिन ऑफिस से काम करने को कहा गया था.
इस्तीफा की बदले वेतन और भत्ता…
कहा जा रहा है कि संघीय कर्मचारियों के नौकरी से इस्तीफा देने के बदले कर्मचारियों को आठ महीने का वेतन और निश्चित भत्ता दिया जाएगा. हालांकि, इस्तीफा देने वाले इन कर्मचारियों की संख्या निर्धारित लक्ष्य से कम है. इतना ही नहीं ट्रंप की इस फैसला का विरोध भी हो रहा है.अमेरिकन फेडरेशन ऑफ गवर्मेंट एंप्लॉइज यूनियन के अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें नौकरी छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा है.
ALSO READ : IND vs ENG: सीरीज का पहला मुकाबला आज, यहां देख सकते है लाइव …
अंतिम समय में बढ़ गए इस्तीफे…
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी के मुताबिक, डेडलाइन के आखिरी घंटों में इस्तीफों की संख्या में उछाल देखने को मिला. हालांकि अभी भी यह संख्या प्रशासन की अपेक्षाओं से बहुत कम है. इससे पहले खबर आई थी कि ट्रंप प्रशासन उन कर्मचारियों को भी नौकरी से निकालने की योजना बना रहा है जिन्होंने यह पैकेज स्वीकार नहीं किया है.
ALSO READ : श्रद्धालुओं के साथ घटी बड़ी घटना, पिता-बेटी की मौत
ट्रंप के आक्रामक फैसले जारी…
मालूम हो कि 20 जनवरी को दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ट्रंप ने तेजी से फैसले लेने शुरू कर दिए हैं. अब तक वे 50 से ज्यादा कार्यकारी आदेश Executive Orders जारी कर चुके हैं. जो किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति के शुरुआती 100 दिनों में सबसे अधिक हैं. इन आदेशों में चीन पर टैरिफ बढ़ाने, विदेशी सहायता रोकने और अवैध आप्रवासन पर कार्रवाई जैसे अहम फैसले शामिल हैं. ट्रंप के इस आक्रामक रुख के चलते उनकी सरकार को समर्थन और विरोध दोनों मिल रहे हैं.