वाराणसी: वसंत पंचमी पर संगम में अमृत स्नान के बाद महाकुंभ में शामिल सभी 13 अखाड़ों के साधु-संन्यासी और नागा साधु अब काशी की ओर प्रस्थान करेंगे. 8 फरवरी को नगर में इनका भव्य प्रवेश होगा, जिसके साथ ही गंगा तट पर मिनी कुंभ का आयोजन शुरू हो जाएगा. इस दौरान विभिन्न मठों, आश्रमों और धर्मशालाओं में हजारों नागा संन्यासी डेरा डालेंगे और होली तक काशी आध्यात्मिक साधना का केंद्र बनी रहेगी.
काशी में 13 अखाड़ों की शाखाएं
गौरतलब है कि आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित नागा संन्यासियों के चार प्रमुख अखाड़ों- जूना, आवाहन, अटल और महानिरंजनी का मुख्यालय बनारस में ही स्थित है. इसके अलावा, श्री अग्नि अखाड़ा, आनंद अखाड़ा, उदासीन अखाड़ा, निर्मल अखाड़ा, निर्मोही अखाड़ा और अनी अखाड़ा सहित कुल 13 अखाड़ों की शाखाएं हैं. इन स्थानों पर हजारों संन्यासी निवास करते हैं और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का संचालन होता है.
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भव्य शोभायात्रा संग नगर में करेंगे प्रवेश
वसंत पंचमी पर संगम स्नान के बाद नागा संन्यासी काशी के लिए प्रस्थान करेंगे. 8 फरवरी को रमता पंच के नेतृत्व में भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिसमें नागा साधु पैदल, हाथियों, घोड़ों और रथों पर सवार होकर नगर में प्रवेश करेंगे.
12 फरवरी को माघी पूर्णिमा पर भव्य शोभायात्रा
8 फरवरी को नगर प्रवेश के बाद अधिकांश संन्यासी बैजनत्था स्थित जपेश्वर मठ में ठहरेंगे. 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा के अवसर पर भव्य शोभायात्रा निकलेगी, जिसमें नागा साधु अपने परंपरागत अस्त्र-शस्त्र और अनुयायियों के साथ हनुमान घाट पहुंचेंगे. इसके बाद, होली तक काशी में गंगा स्नान, पूजा-पाठ और साधना का सिलसिला चलता रहेगा.
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महाशिवरात्रि पर निकलेगी राजसी सवारी
मिनी कुंभ में महाशिवरात्रि के अवसर पर जूना अखाड़े की पारंपरिक राजसी सवारी हनुमान घाट से निकलेगी. इसमें जूना, अग्नि, आवाहन, निरंजनी और अटल अखाड़ों के संन्यासी भाग लेंगे. आचार्य महामंडलेश्वर, महामंडलेश्वर और अन्य वरिष्ठ संन्यासियों के नेतृत्व में यह यात्रा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचेगी, जहां विशेष पूजन-अर्चन होगा. इस दौरान मंदिर परिसर को आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया जाएगा.