सरकार ने ग्रामीण उद्यमियों को कर्ज उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण क्रेडिट स्कोर विकसित करने का निर्णय लिया है. सरकारी बैंकों को यह फ्रेमवर्क तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है.
ग्रामीणों के लिए नई कर्ज सुविधा
वित्त मंत्रालय ने सरकारी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे ग्रामीण क्रेडिट स्कोर का एक विस्तृत फ्रेमवर्क तैयार करें. यह स्कोर डिजिटल तरीके से बनाया जाएगा और इसमें स्वामित्व योजना से प्राप्त डेटा का उपयोग किया जाएगा.
ग्रामीण क्रेडिट स्कोर की खासियत
यह स्कोर किसी ग्रामीण की कर्ज लेने और उसे चुकाने की क्षमता का आकलन करेगा.
माइक्रो उद्यमियों को पांच लाख रुपये तक का क्रेडिट कार्ड मिलेगा.
सेल्फ हेल्प ग्रुप (SHG) की सदस्य महिलाएं आसानी से लोन प्राप्त कर सकेंगी.
पहली बार लोन लेने वालों को फायदा
वर्तमान में, बैंकों द्वारा लोन देने का निर्णय क्रेडिट इनफार्मेशन ब्यूरो लिमिटेड (सिबिल) स्कोर के आधार पर लिया जाता है. दूसरी ओर ग्रामीणों के पास औपचारिक ट्रांजेक्शन का रिकॉर्ड नहीं होने से वे लोन प्राप्त करने में असमर्थ रहते हैं. ग्रामीण क्रेडिट स्कोर बनने से पहली बार लोन लेने वाले ग्रामीणों को आसानी से वित्तीय सहायता मिल सकेगी.
क्रेडिट स्कोर से जुड़े नए बदलाव
SHG महिलाओं और अनुसूचित जाति-जनजाति के युवाओं के लिए लोन प्रक्रिया सरल होगी.
सेंट्रल क्रेडिट सिस्टम से SHG के ट्रांजेक्शन जोड़े जाएंगे जिससे उनकी वित्तीय स्थिति को बेहतर तरीके से आंका जा सकेगा.
क्या है सिबिल स्कोर?
सिबिल स्कोर (क्रेडिट स्कोर) एक तीन अंकों की संख्या होती है जो 300 से 900 के बीच होती है.
685 या उससे अधिक का स्कोर लोन के लिए अनिवार्य माना जाता है.
यह स्कोर लोन चुकाने के इतिहास, लोन की मात्रा और क्रेडिट कार्ड के उपयोग पर आधारित होता है.
बेहतर सिबिल स्कोर होने से कम ब्याज दर पर भी लोन उपलब्ध हो सकता है.
ग्रामीण बैंकिंग में डिजिटल सुधार
सरकार डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा दे रही है, जिससे ग्रामीणों के वित्तीय रिकॉर्ड को आसानी से तैयार किया जा सके. ग्रामीण क्रेडिट स्कोर लागू होने के बाद कोई भी ग्रामीण अपनी लोन योग्यता की जांच स्वयं कर सकेगा.
इस पहल से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और नए उद्यमियों को कर्ज की सुविधा आसानी से प्राप्त होगी.