निर्भया के दोषी की याचिका पर बोले CJI- फांसी से ज्यादा जरूरी कुछ नहीं

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निर्भया गैंगरेप केस के दोषियों में से एक मुकेश सिंह ने शीर्ष न्यायालय में राष्ट्रपति द्वारा खारिज किए गए दया याचिका के विरोध में तत्काल सुनवाई की मांग की है।

इस पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबडे की पीठ ने कहा कि अगर किसी को फांसी दी जाने वाली है तो इस मामले की सुनवाई से अधिक जरूरी कुछ नहीं हो सकता।

17 जनवरी को राष्ट्रपति ने खारिज की थी दया याचिका-

बता दें कि आरोपी मुकेश कुमार की दया याचिका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 17 जनवरी को खारिज कर दी थी।

सीजेआई ने मुकेश के वकील को सुप्रीम कोर्ट के सक्षम अधिकारी से संपर्क करने को कहा। पीठ ने न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी थे।

22 जनवरी को होनी थी फंसी-

बता दे कि निर्भया गैंग रेप के चारों दोषियों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। चारों दोषियों को एक फरवरी को फांसी दी जानी है।

पहले चारों दोषियों को 22 जनवरी को फांसी के फंदे पर लटकाने की तारीख मुकर्रर हुई थी। लेकिन न्यायिक प्रक्रिया के चलते यह तारीख आगे बढ़कार एक फरवरी कर दी गई।

छह लोगों ने किया था गैंगरेप-

निर्भया के साथ 16-17 दिसंबर, 2012 की रात में दक्षिण दिल्ली में चलती बस में छह व्यक्तियों ने सामूहिक बलात्कार के बाद उसे बुरी तरह जख्मी हालत में सड़क पर फेंक दिया था।

निर्भया की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी।

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