Chandigarh Grenade Blast Case: चंडीगढ़ ग्रेनेड अटैक मामले में एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी )ने एक बड़ी कार्रवाई की है. ये कार्रवाई पंजाब, उत्तर-प्रदेश, उत्तराखंड और चंडीगढ़ में की गई है. एनआईए की इस छापेमारी कार्रवाई से इलाके में हड़कंप मच गया. बताया जा रहा है कि, सितंबर 2024 में चंडीगढ़ के रिटायर्ड पुलिस अफसर के घर पर हैंड ग्रेनेड से अटैक किया गया था जिसको लेकर एनआईए ने छापेमारी करने का ये बड़ा फैसला लिया.
जानिए क्या है चंडीगढ़ ग्रेनेड अटैक का मामला
दरअसल, रिटायर्ड पुलिस अफसर के घर पर हुए हैड ग्रेनेड अटैक मामले की जांच में जुटी एनआईए ने एक बड़ा खुलासा किया. बताया कि खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े 16 ठिकानों पर ये छापेमारी की गई है. इसमें पंजाब के अमृतसर, गुरदासपुर, बठिंडा, फिरोजपुर और उत्तर-प्रदेश के लखीमपुर खीरी, उत्तराखंड के रुद्रपुर और चंडीगढ़ का नाम शामिल है. जहां कई मोबाइल फोन, डिजिटल डिवाइस समेत कई उपकरण बरामद किये गए हैं.
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NIA ने आतंकी संगठन की साजिशों का किया पर्दाफाश
हैरानी की बात तो ये है कि इन जगहों पर अटैक करने के लिए खालिस्तानियों का मकसद ये था कि डेड ड्रॉप मॉडल के जरिए आतंकी वारदातों को अंजाम देना था. इसके लिए इस संगठन का पाकिस्तान में बैठा साजिशकर्ता हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा और अमेरिका में हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पैसियां है, जिनकी नजर चंडीगढ़ के एक रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर पर जा टिकी, जिसे अपना निशाना बनाया जाना था. वहीं गनीमत रही कि एनआईए को इस बात की भनक लगते ही उसने इस संगठन के खिलाफ एक बड़ा एक्शन लिया और उनके साजिशों का पर्दाफाश कर दिया.
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भारत में तबाही मचाने के लिए आतंकियों ने तैयार किया विस्फोटक ग्रेनेड
पाकिस्तान और अमेरिका में बैठे आतंकियों की नजर इन भारतीय प्रदेशों पर जा टिकी थी. जहां तबाही मचाने के लिए इन संगठनों ने ग्रेनेड जैसे विस्फोटक को तैयार किया. इतना ही नहीं इन दोनों आतंकियों ने मिलकर हमले के लिए हथियार से लेकर पैसा और लॉजिस्टिक सपोर्ट तक अपने ग्राउंड ऑपरेट्स को उपलब्ध कराया था. सिर्फ इसलिए ताकि, भारत में अपने एसोसिएट्स को रिक्रूट कर भारत जैसे देश को बर्बाद करने में कामयाब हो सके. जो कि जांच एजेंसी एनआईए ने अपनी कार्रवाई करते हुए इसे फेल कर दिया.