कोरोना: वैक्सीन वार में ‘सीनोफार्म’ भी शामिल, डब्ल्यूएचओ ने दी मंजूरी
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़े जा रहे वैक्सीन वार में एक और वैक्सीन का नाम जुड़ गया है. जी हां चीन में तैयार किये गये वैक्सीन को डब्ल्यूएचओ ने मंजूरी दे दी है. चीन का सीनोफार्म कोविड वैक्सीन का भी इस्तेमाल भी कोरोना को हराने के लिए किया जा सकेगा. इस वैक्सीन को डब्ल्यूएचओ द्वारा मंजूरी दिये जाने से संयुक्त राष्ट्र समर्थित कार्यक्रम के तहत जरूरतमंद देशों को लाखों खुराक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त हो गया है.
79 फीसदी है प्रभावी
इस वैक्सीन की प्रभावशीलता 79 फीसदी बताई जा रही है. चीन के कोविड रोधी टीके का विनिर्माण सिनोफार्म कंपनी ने किया है. डब्ल्यूएचओ के तकनीकी परामर्श समूह के निर्णय से चीन के टीके को संयुक्त राष्ट्र समर्थित कोवैक्स कार्यक्रम में शामिल किए जाने की संभावना है. हांलाकि सिनोफार्म ने टीके और इसके प्रभाव से संबंधित ब्योरे के बारे में ज्यादा जानकारी साझा नहीं की है. प्रभावशीलता की जानकारी के अलावा सिनोफार्म ने अपने दो टीकों के बारे में बहुत कम सार्वजनिक आंकड़े जारी किए हैं. इससे पहले डब्ल्यूएचओ ने एक प्रमुख समिति का गठन यह तय करने के लिए किया कि क्या चीन निर्मित कोविड-19 टीके को आपात स्थिति में इस्तेमाल के वास्ते मंजूरी दी जाए या नहीं.
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कोरोना के लिए भारत में इस्तेमाल कि जा रही 2 वैक्सीन
बताते चलें कि भारत में कोविशील्ड व कोवैक्सीन नाम की दो वैक्सीन का इस्तेमाल कोविड के खिलाफ किया जा रहा है. हाल में ही भारत सरकार ने रशियन वैक्सीन स्पुतनिक के भी इस्तेमाल की भी मंजूरी दे दी है. आक्सफोर्ड और आस्टा जेनेका के सहयोग से तैयार की गयी कोविशील्ड का निर्माण भारत की सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया कंपनी कर रही है. वहीं कोवैक्सीन को भारत में भारत बायोटेक ने तैयार किया है.
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