वाराणसी: रेल और जल शक्ति राज्यमंत्री वी. सोमन्ना ने शुक्रवार को काशी स्टेशन और राजघाट पुल के बगल में प्रस्तावित नए गंगा पुल परियोजना का निरीक्षण किया. उन्होंने निर्माण कार्यों की गति बढ़ाने पर जोर देते हुए 2029 से पहले इन परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य तय किया.
इंटर मॉडल स्टेशन परियोजना पर फोकस
शाम 5 बजे काशी स्टेशन पहुंचे रेल राज्य मंत्री ने इंटर मॉडल स्टेशन परियोजना का 20 मिनट तक निरीक्षण किया. विभिन्न साइटों पर पहुंचकर उन्होंने नक्शे और प्रस्तावित विकास कार्यों का अवलोकन किया. एडीआरएम लालजी चौधरी और स्टेशन निदेशक अर्पित गुप्ता के साथ चर्चा में उन्होंने महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए स्टेशन की सुविधाओं को सुदृढ़ करने और परियोजना समय पर पूरा करने के निर्देश दिए.
ALSO READ: मुंबई हमले के दोषी राणा की जल्द भारत में एंट्री, प्रत्यर्पण को मिली मंजूरी
नए गंगा पुल के निर्माण पर जोर
रेल राज्य मंत्री ने पुराने राजघाट पुल के बगल में प्रस्तावित नए गंगा पुल निर्माण की जानकारी डिप्टी चीफ इंजीनियर रवि विक्रम सिंह से प्राप्त की. उन्होंने निर्माण की प्रगति पर सवाल उठाते हुए इसे तय समय सीमा से पहले पूरा करने के निर्देश दिए. परियोजना को महाकुंभ के बाद तीव्र गति से जमीन पर उतारने पर जोर दिया गया.
बरेका में लोकोमोटिव निरीक्षण
रेल मंत्री ने बरेका (डीजल लोकोमोटिव वर्क्स) का दौरा कर इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव के ड्राइवर कैब में बैठ इसकी विशेषताओं को समझा. बरेका के महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने उन्हें 10,500 लोकोमोटिव निर्माण की सफलता की जानकारी दी. मंत्री ने मोजाम्बिक, सूडान और मलेशिया जैसे 11 देशों को रेल इंजन निर्यात को ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ की दिशा में बड़ी उपलब्धि बताया.
ALSO READ: माफिया से महामंडलेश्वर तक…महामंडेश्वर बनी ममता कुलकर्णी का विवादों से गहरा नाता…
बलिया-डुमरांव-डेहरी रेलखंड की मांग
इस दौरान डुमरांव निवासी राधेश्याम जायसवाल ने बलिया-डुमरांव-डेहरी रेलखंड की मांग का पत्र सौंपा. उन्होंने बताया कि संघर्ष समिति पिछले 19 वर्षों से इस रेलखंड के लिए प्रयासरत है. 21 दिसम्बर को दिल्ली में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के आवास पर पहुँच कर माँग पत्र सौंपने कि बात कही.
मंत्री ने अपनी पत्नी शैलजा सोमन्ना के साथ सारनाथ के मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर में भगवान बुद्ध की पूजा की और धमेख स्तूप की परिक्रमा की. उन्होंने काशी स्टेशन पर पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया.